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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करते हुए जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बिजली, पेयजल और सड़क संपर्क जैसी आवश्यक सेवाओं को शीघ्र बहाल करने पर विशेष बल दिया।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, पुलिस बल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय लोगों द्वारा किए जा रहे निरंतर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर वहां जरूरतमंद लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य में धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
श्री सुक्खू ने चंबा प्रशासन को मणिमहेश यात्रा में फंसे श्रद्धालुओं को तुरंत निकालने और वायुसेना से समन्वय स्थापित कर 5दृ6 एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को तैनात करने केे निर्देश दिए जिन्हें मौसम ठीक होते ही राहत कार्य में लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने फंसे हुए यात्रियों के परिवारों से लगातार संपर्क में रहने, भोजन की व्यवस्था करने और सड़क बहाली कार्य को प्राथमिकता देने के लिए कहा।
उन्होंने जिला के अधिकारियों को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी से भी समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए, जो पिछले कई दिनों से भरमौर में हैं और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने किन्नौर में फंसे केरल के छात्रों की निःशुल्क सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने को भी कहा।
कुल्लू जिले की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने सबसे अधिक प्रभावित बंजार और आनी क्षेत्रों में सड़कों की बहाली कार्य को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारी मशीनरी को वायुसेना की सहायता से हवाई मार्ग से भेजा जाएगा ताकि बहाली का कार्य युद्धस्तर पर सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने राज्य विद्युत बोर्ड को शिमला जिले के चौपाल क्षेत्र में बिजली आपूर्ति तुरंत बहाल करने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने सेब सीजन को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई को राज्य के सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की बहाली को प्राथमिकता देने को कहा ताकि बागवानों को नुकसान न झेलना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष मानसून सत्र में 2 सितंबर तक 3526 करोड़ रुपये का कुल नुकसान आंका गया है। इस दौरान 122 भू-स्खलन, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं हुईं तथा अब तक लगभग 341 लोगों की जान गई है। पिछले 24 घंटों में भारी वर्षा के कारण 11 और लोगों की मृत्यु हुई है। इनमें मंडी जिला के सुंदरनगर में सात, कुल्लू और शिमला जिले में दो-दो लोगों की जान गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव मदद प्रदान करेगी। उन्होंनेे ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारों को यह अपूरणीय क्षति सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।
बैठक में एचपीटीडीसी के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विशेष सचिव राजस्व डी.सी. राणा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे जबकि सभी जिला के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़े।