गौवंश के संरक्षण व स्वदेशी नस्ल की गायों के विकास के लिएराज्य सरकार गौ संवर्धन आयोग बनाने पर कर रही है विचार

राज्य सरकार गौवंश के संरक्षण व राज्य में स्वदेशी नस्ल की गायों के विकास के लिए उपयुक्त नीतियों की सिफारिश करने के लिए गौ-संवर्धन आयोग के गठन पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज यहां आयोजित हिमाचल प्रदेश गौवंश संवर्धन बोर्ड की द्वितीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देसी नस्ल की गायों के विकास को प्रोत्साहन दे रही हैं, जो प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए लाभप्रद होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपनी पहली मंत्रिमण्डल की बैठक में मन्दिरों को प्राप्त हुए चढ़ावे का 15 प्रतिशत प्रदेश में गौ-सदनों निर्माण, रखरखाव और प्रबन्धन के लिए देने का निर्णय लिया था। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने प्रदेश में बिकने वाली शराब पर प्रति बोतल एक रुपया सैस लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सरकार के गौवंश के संरक्षण एवं प्रोत्साहन की प्रतिबद्धता व चिंता को दर्शाता है।

You may also likePosts

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी जिलों में गौ अभ्यारणय स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को गौ अभ्यारणय के निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि के चयन करने के आदेश दिए गए हैं, जिससे सभी औपचारिकताओं को शीघ्र अतिशीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि गौ अभ्यारणय और गौ-सदन के निर्माण के लिए भूमि देने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गौ अभ्यारणय को ‘गौ विज्ञान केन्द्रों’ के रूप में विकसित कर आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कृषि व पशु पालन विभाग को अधिक समन्वय से काम करके राज्य सरकार द्वारा मवेशियों के संरक्षण और देसी नस्ल की गायों के संरक्षण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए।

जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में नए गौ-सदनों को खोलने तथा पुराने गौ-सदनों के उचित रख-रखाव के लिए आम लोगों, गैर सरकारी संस्थाओं, पंचायतों, मन्दिर न्यासों व अन्य धर्मार्थ संगठनों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है, जिससे कि छोड़े गए मवेशियों को आश्रय किया जा सके। उन्होंने कहा कि आम लोगों का भी अपने मवेशियों को न छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने देसी नस्ल की पहाड़ी गाए का नामकरण ‘गौरी’ रखने के मामले को सम्बन्धित अधिकारियों से उठाया है।

ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पशु पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि राज्य सरकार उन संगठनों व संस्थानों को खुले दिल से सहयोग देगी, जो देसी नस्ल की गायों का प्रोत्साहन देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में गौ-सदनों के निर्माण के लिए हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी।अतिरिक्त मुख्य सचिव पशु पालन संजय गुप्ता ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। सचिव जीएडी डॉ. आरएन बत्ता, निदेशक पशु पालन विभाग डॉ. एस.के. चौधरी, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन अजय कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!