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मानसून की मार झेल रहे हिमाचल के चम्बा जिला में बुधवार तड़के 2 बार भूकंप आया। यहां एक घंटे में 2 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। 3.27 बजे 3.3 तीव्रता का पहला भूकंप आया, जिसके बाद 4.39 बजे 4.0 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया। जिससे लोगों में दहशत फैल गई। हालांकि नुक्सान होने का कोई समाचार नहीं है। नैशनल सैंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार पहला भूकंप सुबह 3.27 बजे आया। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 रही और इसकी गहराई 20 किलोमीटर भीतर रही। करीब एक घंटे बाद चम्बा में दूसरा भूकंप आया। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 रही। इस भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर जमीन के भीतर रही। उधर, धर्मशाला के समीप सुधेड़ नाले में साधु की डूबने से मौत हो गई।
कुनिहार-ज्यालंग गांव के पास उफनती गंभर खड्ड को पार करते हुए एक व्यक्ति बह गया। कुल्लू जिला के शास्त्रीनगर व गांधीनगर में फ्लैश फ्लड से काफी नुक्सान हुआ है। ऊना जिला के गगरेट व अम्ब में भारी बारिश से जलभराव हो गया। बंगाणा में भारी बारिश में पेपर देने पहुंचे विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। उपमंडल अम्ब के तहत राजकीय माध्यमिक पाठशाला टकारला में बारिश का पानी घुस गया। स्कूल के सभी कमरों में लगभग दो फुट तक पानी भर गया। स्कूल का कुछ रिकॉर्ड भी खराब हुआ है। बुधवार को ऊना जिला में बहुत भारी बारिश हुई है। यहां 132.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को कहीं भी कोई अलर्ट नहीं रहेगा, लेकिन शुक्रवार को यैलो अलर्ट के साथ ही 23 अगस्त से 25 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरैंज अलर्ट जारी किया गया है। 26 अगस्त को फिर से यैलो अलर्ट रहेगा।
राज्य में 2 नैशनल हाईवे और 366 संपर्क मार्ग बंद रहे। कुल्लू जिला में एनएच 305 जहेड़ और मंडी जिला में एन.एच. 154 मंडी से जोगिंद्रनगर के बीच बंद पड़ा है। संपर्क मार्ग सबसे अधिक जिला मंडी में 174 बंद पड़े हैं जबकि कुल्लू जिला में 125, कांगड़ा जिला में 21 बंद हैं। 929 बिजली टांसफार्मर ठप्प हैं, जिसमें ऊना जिला में सबसे अधिक 529, कुल्लू जिला में 281 व मंडी जिला में 98 ठप्प चल रहे हैं। 139 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित चल रही हैं।
राज्य में अब तक भूस्खलन की 72, फ्लैश फ्लड की 94 व बादल फटने की 38 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 20 जून से आरंभ हुए मानसून सीजन में अब तक 276 लोगों की मौत, 336 घायल और 37 लापता चल रहे हैं। राज्य को 2211 करोड़ से अधिक की संपत्ति का नुक्सान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1216 करोड़, जल शक्ति विभाग को 732 करोड़ व बिजली बोर्ड को 140 करोड़ की चपत लग चुकी है।