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हिमाचल प्रदेश में बनी दवाओं के 49 सैंपल फेल हुए हैं। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने ड्रग अलर्ट जारी किया। देश भर में दवाओं के 112 सैंपल फेल हुए हैं। इनमें हिमाचल में बनी दवाओं के सैंपल की संख्या 49 है। फेल दवाओं में गंभीर बीमारियों की दवाइयां भी शामिल हैं जिसमें हार्ट, ब्रेस्ट कैंसर, गैस्ट्रो, दर्द निवारक, कैल्शियम व पेट दर्द समेत कई रोगों की दवाइयां शामिल हैं। स्टेट ड्रग डिपार्टमैंट ने सीडीएससीओ द्वारा जारी अलर्ट आने के बाद अपनी प्रक्रिया शुरू करते हुए संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी करते हुए जवाबतलब कर लिया है। हिमाचल ड्रग कंट्रोलर डाॅ. मनीष कपूर का कहना है कि दवाओं की गुणवत्ता को सुधारने में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग की जा रही है ताकि खराब गुणवत्ता वाली दवाओं का पता लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि जिन दवा उद्योगों के सैंपल फेल पाए गए हैं उन संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी कर दिया गया है और आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
दवाओं के सैंपल फेल होने का ये बड़ा कारण
सीडीएससीओ द्वारा जारी ड्रग अलर्ट में खुलासा हुआ है कि 80 से 90 फीसदी दवाओं के सैंपल फेल होने का बड़ा कारण दवाओं का निर्माण तय मानकों के आईपी और पीएच के अनुसार नहीं हो रहा है, इसलिए दवाओं को फेल घोषित किया जा रहा है। दवाइयों के फेल होने का कारण खराब गुणवत्ता वाला कच्चा माल, तय तापमान के अनुसार दवाओं को न रखना शामिल है।
इन उद्योगों के ज्यादा सैंपल फेल
बद्दी के एफी पैरेंटरल्स उद्योग के 8 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। इनमें ओन्डेंसेट्रोन इंजैक्शन जो उल्टी की दवा, टेल्मीसार्टन टैबलेट बीपी की दवा, एल्बेंडाजोल पेट की दवा शामिल हैं। इसके अलावा सार बायोटैक उद्योग के 3 सैंपल फेल पाए गए, जिसमें जिंक सल्फेट की दवा शामिल है।







