Himachal: लाहौल-स्पीति की मयाड़ घाटी में बाढ़ ने मचाई तबाही, 3 पुल बहे…खेतों में घुसा मलबा

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले की मयाड़ घाटी में आई भीषण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा ने क्षेत्र के कई गांवों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। करपट, चांगुट, उड़गोस, तिंगरेट, धोधंल और शकोली जैसे गांवों में बाढ़ के कारण लोग दहशत में हैं। बाढ़ की चपेट में आने से तीन पुल पूरी तरह बह गए, जबकि एक प्रमुख पुल पानी में डूब गया है। इसके अलावा खेतों में मलबा घुसने और फसलों के बह जाने से किसानों को भारी नुक्सान हुआ है। कुछ घरों को भी आंशिक क्षति पहुंची है, जिससे स्थानीय निवासियों में भय का माहौल है।

जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम करीब 7 बजे मयाड़ घाटी के गुडहर नाला, करपट नाला, चांगुट नाला, उड़गोस नाला और टिंगरेट नाले में भीषण बाढ़ आ गई। इससे करपट, चांगुट और उड़गोस नालों पर बने तीन पुल बह गए। मयाड़ नाले पर बना एक अन्य बड़ा पुल भी बाढ़ के पानी में डूब गया, जिससे क्षेत्र में यातायात पूरी तरह ठप्प हो गया है। चोखांग-नैंगघर लिंक रोड भी बाढ़ की चपेट में आकर बह गया, जिससे गांवों का संपर्क कट गया है। इसके अलावा स्पीति के काजा क्षेत्र में ताम्पा डोगरी, थांगमोचे और लिंगटी रामा की सड़कों पर भी बाढ़ का असर देखा गया, जिससे ये लिंक रोड बंद हो गए हैं।

बाढ़ का सबसे ज्यादा असर मयाड़ घाटी के किसानों पर पड़ा है। उड़गोस गांव के कई खेत मलबे और पानी की चपेट में आ गए, जिससे फसलों को भारी नुक्सान हुआ। कुछ खेत पूरी तरह बह गए, जिसने किसानों की आजीविका पर गहरा आघात पहुंचाया है। बाढ़ के तेज बहाव ने नालों के किनारे बने कुछ घरों को भी नुक्सान पहुंचाया, जिसके चलते कई परिवारों को रातभर जागकर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। ग्रामीणों ने बताया कि अचानक आई इस आपदा ने उन्हें डर के साये में जीने को मजबूर कर दिया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी तरह के जानी नुक्सान की कोई सूचना नहीं है।

बाढ़ की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें हरकत में आ गईं। उपमंडल कार्यालय उदयपुर की एक टीम ने तत्काल प्रभावित गांवों में पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर दिए। करपट गांव में ग्रामीणों को राशन और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करवाया गया। लोक निर्माण विभाग (एचपीपीडब्ल्यूडी) और जल शक्ति विभाग की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंचीं और नुक्सान का आकलन शुरू किया। बुधवार सुबह से सड़कों और पुलों की बहाली के लिए कार्य शुरू हो गया है। इसके अलावा, प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।

उपायुक्त लाहौल-स्पीति किरण भडाना ने बताया कि मयाड़ घाटी में बाढ़ से हुए नुक्सान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी टीमें राहत और बचाव कार्य में पूरी तरह जुटी हुई हैं। स्थिति पर नजर रखी जा रही है और प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद दी जाएगी। वहीं, एसडीएम उदयपुर अलीशा चौहान ने कहा कि राजस्व विभाग नुक्सान का जायजा ले रहा है और प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान की जा रही है।

लाहौल-स्पीति की कांग्रेस विधायक अनुराधा राणा ने इस आपदा पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मयाड़ घाटी के धोधंल, करपट, चांगुट और उड़गोस नालों में आई बाढ़ से से भारी नुक्सान हुआ है। सभी ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर हैं और प्रशासन को स्थिति का जायजा लेने के लिए निर्देश दिए गए हैं। वह स्वयं भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की योजना बना रही हैं। वहीं, पूर्व विधायक और भाजपा नेता रवि ठाकुर ने स्थिति को चिंताजनक और भयावह बताते हुए प्रशासन से तत्काल राहत कार्य तेज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि नालों के आसपास रहने वाले लोगों से अपील है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें। सरकार को प्रभावित गांवों में तुरंत राहत पहुंचानी चाहिए।

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