Himachal: आशा वर्कर की होनहार बेटी बनी नर्सिंग ऑफिसर, पूरा किया माता-पिता का सपना

Khabron wala 

कहते हैं कि मेहनत की राहों पर चलने वालों के कदम कभी नहीं रुकते, जो सपनों को सच कर दिखाए, वही असली मुकद्दर के हकदार होते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की होनहार बेटी दिव्या वर्मा ने। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली दिव्या का चयन देश के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान एम्स बठिंडा में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर हुआ है।

पढ़ाई को बनाया अपनी सबसे बड़ी ताकत

जानकारी के अनुसार, जिला सोलन के तहत आते अर्की के बड़ोण गांव में जन्मी दिव्या वर्मा बचपन से ही आत्मनिर्भर बनने और कुछ अलग करने का सपना देखती थीं। उनके पिता सरकारी सेवा में कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता एक आशा वर्कर के रूप में ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़कर समाज की सेवा कर रही हैं।

माता-पिता के संस्कार और मेहनत को करीब से देखने का असर दिव्या के जीवन पर भी पड़ा और उन्होंने पढ़ाई को ही अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाया।

दिव्या का शैक्षणिक सफ़र

दिव्या ने अपनी प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चंडी (अर्की) से पूरी की। पढ़ाई में शुरू से ही मेधावी रही दिव्या ने जमा दो की परीक्षा जीव विज्ञान विषय के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने नर्सिंग के क्षेत्र को अपना लक्ष्य बनाया और महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी, सोलन से चार वर्षीय बीएससी नर्सिंग की डिग्री प्राप्त की।

 

डिग्री पूरी करने के बाद दिव्या ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती परीक्षा की तैयारी की। कठिन प्रतिस्पर्धा के बीच उन्होंने ऑल इंडिया स्तर पर 1346वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि निरंतर मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी लक्ष्य दूर नहीं होता। उनकी इसी रैंक के आधार पर उनका चयन एम्स बठिंडा जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर हुआ है।

ग्रामीण बेटियों के लिए बनी प्रेरणा

दिव्या की इस सफलता पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है। दिव्या वर्मा की यह उपलब्धि न केवल युवाओं, बल्कि खासतौर पर ग्रामीण बेटियों के लिए एक प्रेरणा बनकर सामने आई है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, शिक्षकों और अपनी कड़ी मेहनत को दिया है।

 

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