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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को समग्र शिक्षा निदेशालय में अत्याधुनिक शैक्षणिक अवसंरचना का लोकार्पण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में दृढ़ता से काम किया जा रहा है. स्कूली पाठ्यक्रम में संगीत, संस्कृति और भविष्य के विषयों का समावेश भी किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग में व्यापक स्तर पर भर्तियां करने जा रही है, जिसमें अस्थाई और स्थाई दोनों तरह की भर्तियां की जाएंगी. अस्थाई भर्तियां पांच वर्ष के लिए और स्थाई भर्तियां बैच वाइज और प्रतिस्पर्धा के आधार पर की जाएंगी. मल्टी यूटिलिटी वर्कर्ज की भर्ती भी की जाएगी. आगामी शैक्षणिक सत्र से प्राथमिक विद्यालयों की खेल प्रतिस्पर्धाएं भी आयोजित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2032 तक प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में देश के सबसे बेहतरीन स्कूल होंगे. हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में देश भर में नंबर एक स्थान पर होगा.
अगले सत्र से मोबाइल पर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्री-नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को स्कूल परिसर में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी. अध्यापक अपने मोबाइल फोन स्टाफ रूम या बैग में रख सकते हैं. इसके साथ ही शिक्षा विभाग में बेहतर तबादला नीति लाने पर विचार किया जा रहा है. राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल और सीबीएसई पाठ्यक्रम स्कूलों के लिए विशेष कैडर बनाया जाएगा. प्रदेश सरकार से शिक्षा विभाग को सबसे अधिक सहयोग प्राप्त हो रहा है.
शिक्षा के क्षेत्र में हुआ सुधार: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अनेक निर्णायक सुधार लागू किए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम आज स्पष्ट रूप से सामने आ रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता के आकलन में हिमाचल प्रदेश ने 21वें स्थान से उल्लेखनीय सुधार करते हुए पांचवां स्थान प्राप्त किया है. यह उपलब्धि शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों की सामूहिक मेहनत के साथ-साथ प्रदेश सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है.












