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हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के धर्मपुर से एक बेहद दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक 23 साल के युवक की दर्दनाक मौत हो गई। युवक एक निजी होटल में काम कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद कर रहा था, लेकिन अचानक परिवार को बेसहारा छोड़ गया। जवान बेटे की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
ट्रेन की चपेट में आया युवक
दरअसल कालका-शिमला रेल मार्ग पर धर्मपुर के पास एक दर्दनाक हादसे में हमीरपुर के युवक की जान चली गई। 23 वर्षीय रणवीर जिला हमीरपुर की बड़सर तहसील के घुमारवीं गांव का रहने वाला था। वह धर्मपुर के एक निजी होटल में काम करता था। मंगलवार देर रात ड्यूटी पर जाते समय वह रेल ट्रैक पार कर रहा था, इसी दौरान वह शिमला से कालका की ओर जा रही ट्रेन की चपेट में आ गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसा रात करीब 10 बजे हुआ। बताया जा रहा है कि अंधेरा होने के कारण युवक को आने वाली ट्रेन का अंदाजा नहीं लग पाया और वह उसकी चपेट में आ गया। ट्रेन चालक ने हादसे के तुरंत बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाई और रेल अधिकारियों को सूचित किया। गंभीर रूप से घायल रणवीर को ट्रेन के जरिए टकसाल स्टेशन तक लाया गया, जहां से एंबुलेंस की मदद से उसे तुरंत ईएसआई अस्पताल परवाणू ले जाया गया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने से पहले ही रणवीर ने दम तोड़ दिया।
रणवीर अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। युवक की असमय मृत्यु ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। उसके माता-पिता, जो अपने बेटे के सहारे बुढ़ापे की लाठी समझते थे, इस दुखद घटना के बाद बेसुध हैं। गांव में भी मातम का माहौल है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों का कहना है कि रणवीर बेहद मेहनती और जिम्मेदार युवक था।
वह कुछ वर्षों से धर्मपुर में होटल की नौकरी करके अपने परिवार का पेट पाल रहा था और अपने छोटे भाई.बहनों की पढ़ाई का खर्च भी उठा रहा था। स्थानीय लोगों और पंचायत प्रतिनिधियों ने रेलवे प्रशासन से पीड़ित परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग की है।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर रेल ट्रैक पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी की ओर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि धर्मपुर क्षेत्र में कई जगहों पर लोगों को रेलवे ट्रैक पार कर अपने काम पर जाना पड़ता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।
रेल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन से मांग की जा रही है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए रेल पथ पर सुरक्षित क्रॉसिंग, प्रकाश व्यवस्था और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं। रणवीर की असमय मृत्यु न केवल उसके परिवार के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक गहरी क्षति है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस दुखद घटना से क्या सबक लेता है।