Himachal: महिला ने बांस काे बनाया कमाई का जरिया, हुनर ऐसा कि आप भी हाे जाएंगे मुरीद

Khabron wala

युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उद्योग विभाग, ग्रामीण विकास, पशु पालन, मत्स्य पालन और अन्य विभागों की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं एवं युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के प्रदेश सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं।

इसी की एक झलक नजर आती है जिला हमीरपुर के सुजानपुर कस्बे के एक आम परिवार में। सुजानपुर के वार्ड नंबर-5 की निवासी संतोष कुमारी के घर में बांस से बनीं एक से बढ़कर एक कलाकृतियां एवं पेंटिंग्स को देखकर हर कोई हैरान हो जाता है और इन्हें खरीदने के लिए मजबूर हो जाता है। उद्योग विभाग ने एक योजना के माध्यम से संतोष कुमारी के इस हुनर को तराशा और उनकी तकदीर ही बदल दी।

दरअसल, संतोष कुमारी एक आम गृहिणी थीं और उनके पति बिजली की फिटिंग का कार्य करके परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। संतोष कुमारी भी कभी-कभार कपड़े सिल करके कुछ कमाई कर लेतीं थीं, लेकिन आज के दौर के अनुसार उनका गुजारा मुश्किल से हो पा रहा था। संतोष कुमारी अपनी आम दिनचर्या में कुछ नया काम करके अपने पति का हाथ बंटाना चाहती थीं, लेकिन उन्हें कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था।

इसी दौरान, उद्योग विभाग ने सुजानपुर में बांस की कला पर आधारित पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें संतोष कुमारी ने भी भाग लिया और 3 महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस कला में पारंगत एवं पद्मश्री पुरस्कार से अलंकृत करतार सिंह सौंखले ने भी संतोष कुमारी का मार्गदर्शन किया। कुछ दिनों में संतोष कुमारी ने बांस से कलाकृतियां एवं पेंटिंग्स बनाने में महारत हासिल कर ली। डिजाइनर लक्ष्मण कुमार ने भी संतोष कुमारी की मदद की।

इसके बाद तो उनकी कलाकृतियां काफी मशहूर हो गईं और लोग घर में आकर भी इन्हें खरीदने लगे। उन्होंने विभागीय प्रदर्शनियों में भी भाग लेना शुरू किया, जहां उनकी कलाकृतियों को काफी अच्छे दाम मिलने लगे। संतोष कुमारी के हुनर एवं लगन को देखकर उद्योग विभाग और अन्य विभागों ने उन्हें मास्टर ट्रेनर बनाया है और अन्य लोगों को प्रशिक्षित करके भी उन्हें अच्छा मानदेय मिल रहा है।

संतोष कुमारी ने बताया कि अब उन्हें बांस की कलाकृतियों से हर माह लगभग 15 हजार रुपए तक आय हो जाती है। मास्टर ट्रेनर के रूप में मिलने वाले मानदेय से भी उन्हें अच्छी आय हो रही है। उनका कहना है कि उद्योग विभाग की योजनाओं के कारण ही उनकी तकदीर बदली है। इसके लिए वह सदैव प्रदेश सरकार की आभारी रहेंगी।

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