विधानसभा सत्र में हिमालयन रैजीमैंट बनाने के लिए प्रस्ताव पारित

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सेना में भर्ती होने के इच्छुक प्रदेश के युवाओं के लिए मण्डी, कांगडा, हमीरपुर, बिलासपुर में कौंचिग सैंटर खोलने के प्रयास किए जा रहे है ताकि अधिक से अधिक युवाओं को आर्मी में जाने के लिए तैयार किया जा सके।  यह बात सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, बागवानी तथा सैनिक कल्याण मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने अल्फा सीनियर सकैंडरी स्कूल बरठीं में वीर सैनिक समान समारोह कि अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं की सेना में भर्ती के लिए अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अभी हाल ही में विधानसभा सत्र में हिमालयन रैजीमैंट बनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है।  उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कोटे को भी बढ़ाने के प्रयास किए जाएगे ताकि ज़्यादा से ज़्यादा नौजवान सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर सके।  उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पूर्व सैनिकों को 16 हजार 500 करोड़ रूपए का वन रैंक वन पेंशन का तोहफा दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नौजवानों के लिए आफिसर कौंचिग अकैडमी खोलने के भी प्रयास किए जा रहे है। इसके साथ ही सेना में भर्ती होने के लिए मण्डी, कांगडा, बिलासपुर और हमीरपुर में कौंचिग सैंटर खोले जाएगे जहां पर सेना में भर्ती होने के इच्छुक उम्मीदवारों को 3 माह का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश सरकार की तरफ से आर्मी स्कूल खोलने के भी प्रयास किए जाएगे।  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व सैनिको तथा उनके परिवार के कल्याणार्थ अनेकों सुविधाएं प्रदान करके उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सैनिक अपने कर्तव्यों को अनुशासन में रहकर निष्ठापूर्वक निभाते है।  उन्होंने कहा कि सैनिक कभी भी रणभूमि पीछे नहीं हटते उनका सिर्फ एक मकसद होता लक्ष्य को हासिल करना।  उन्होंने कहा कि सेवानिवृति के उपरांत अपना शेष समय समाज में दूसरो की भलाई और बेहतर सेवाएं देने के लिए करें ताकि अन्य लोग भी उनके अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा से प्ररणा ले सके।
उन्होंने विशेषकर माताओं से आग्रह करते हुए कहा कि बेटियों का ध्यान रखती हैं उसी प्रकार बेटों की दिनचर्या के उपर भी पूरा ध्यान दें ताकि वे किसी गलत आदत में न पड़े।  उन्होंने कहा कि युवाओं को जागरूक करें कि वे अपनी क्षमता व ऊर्जा का उपयोग सामाजिक व रचनात्मक कार्यों के साथ-साथ राष्ट्र सेवा में लगाए।
उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने पर अपनी एच्छिक निधि से 15 हजार रूपए देने की घोषणा की तथा स्कूल में बच्चों को पर्याप्त मात्रा में सम्बन्धित विभाग को 15 दिन के भीतर पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
विधायक कटवाल ने कहा कि 16 दिसम्बर, 1971 को जब बंगलादेश का जन्म हुआ उस समय भारतीय सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  उन वीर शहीदों की याद में प्रतिवर्ष 16 दिसम्बर को भारत-पाकिस्तान युद्ध विजय दिवस मनाया जाता है। उन्होंने वीर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि वीर शहीदों के जज्बे, शौर्य गाथाएं, वीर गाथाओं को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद करेंगी।  उन्होंने कहा कि विजय दिवस इतिहास का वह पन्ना जिसको याद करके हर भारतीय गौरवान्वित महसूस करता है।
 पूर्व सैनिक कल्याण समिति के प्रदेशाध्यक्ष सुबेदार प्रकाश चंद ने मुख्यातिथि तथा अन्य तिथियों का स्वागत करते हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस युद्ध में देश के 3 हजार 843 जबकि हिमाचल प्रदेश के 190 सैनिकों ने मात्रभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी। पूर्व सैनिको के हित के लिए मांग पत्र रखा। कैप्टन हंस राज ने भी अपने विचार रखें, उपनिदेशक सैनिक कल्याण विभाग शिमला ने पूर्व सैनिकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तृत रूप से जानकारी दी तथा इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए आग्रह किया।  बिटिया फाॅऊडैंशन की प्रदेशाध्यक्ष सीमा सांख्यान ने भी वीर सैनिकों को नमन कर उन्हें याद किया।
इस अवसर पर बच्चों द्वारा देशभक्ति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।  इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा कैप्टन रूप लाल (वीर चक्र), मेजर राकेश शर्मा (शोर्य चक्र), कैप्टन योगेन्द्र पाल (सेना मेडल), सुबेदार वी.आर भाटिया, सुबेदार हरि सिंह, हवलदार प्रकाश चंद, हवलदार कुलदीप, हवलदार सुशील कुमार, हवलदार मनोज कुमार, हवलदार लच्छू राम, हवलदार देश राज, हवलदार ओंकार सिंह, हवलदार जीत राम मन्हास, सुबेदार बलदेव शर्मा, कैप्टन अन्त राम (गोल्ड मेडल जिम्नास्टिक) तथा वीर नारियां कर्मी देवी, रत्नी देवी, मीरा देवी, सरवनों देवी, राजो देवी, सुनीता देवी को सम्मानित किया।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष राकेश गौतम, जिला महिला अध्यक्ष उषा ठाकुर, पार्षद मीना चंदेल, मण्डल अध्यक्ष सुभाष मिन्हास, एसडीएम झंडूता विकास शर्मा, एस.सी उपेन्द्र वैद्य, स्कूल प्रधानाचार्य ठाकुर दास, स्थानीय प्रधान के अतिरिक्त अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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