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कहते हैं ख्वाब जब हौसलों से जुड़ जाते हैं, तो गांव की गलियां भी आसमान तक पहुंच जाती हैं। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की हरौली तहसील के छोटे से गांव चांदपुर (कलेहरा) ने एक बार फिर प्रदेश को गौरवान्वित किया है।
फ्लाइंग ऑफिसर बने उत्कर्ष शर्मा
चांदपुर के रहने वाले उत्कर्ष शर्मा का चयन भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद के लिए हुआ है। इस उपलब्धि से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र में खुशी और गर्व का माहौल है।
उत्कर्ष शर्मा के पिता नरेश शर्मा एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता मोनिका शर्मा गृहिणी हैं। साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि के बावजूद उत्कर्ष ने मेहनत, अनुशासन और स्पष्ट लक्ष्य के बल पर यह मुकाम हासिल किया है।
परिवारजनों का कहना है कि उत्कर्ष बचपन से ही पढ़ाई के प्रति गंभीर और अनुशासित रहे हैं। उत्कर्ष की इस उपलब्धि पर उनके माता-पिता को बहुत गर्व है। बेटे की सफलता पर भावुक हुए पिता ने गांव भर में लोगों को मिठाई खिलाकर खुशी बांटी।
शैक्षणिक उपलब्धियों की बात करें तो उत्कर्ष शर्मा ने नॉन-मेडिकल स्ट्रीम से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने थापर यूनिवर्सिटी, पटियाला से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने भारतीय वायुसेना में अधिकारी बनकर देशसेवा करने का संकल्प लिया था।
दादा से मिली प्रेरणा
उत्कर्ष को देशसेवा की प्रेरणा अपने दादा स्वर्गीय सूबेदार केशवा नंद शर्मा से मिली, जिन्होंने भारतीय सेना में रहकर राष्ट्र की सेवा की थी। रक्षा पृष्ठभूमि वाले परिवार से आने के कारण बचपन से ही उनके भीतर अनुशासन, समर्पण और जिम्मेदारी की भावना विकसित हुई।
कड़ी मेहनत और निरंतर अभ्यास के दम पर उत्कर्ष शर्मा ने अखिल भारतीय स्तर की लिखित परीक्षा को पहले ही प्रयास में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया। इसके बाद देहरादून में आयोजित पांच दिवसीय सेवा चयन बोर्ड (SSB) साक्षात्कार में भी उन्होंने पहले प्रयास में सफलता हासिल की। इस चयन के साथ ही उत्कर्ष ने न केवल ऊना जिले बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश का नाम देशभर में रोशन किया है।
फ्लाइंग ऑफिसर उत्कृष शर्मा
भारतीय वायुसेना द्वारा 12 दिसंबर 2025 को घोषित परिणामों के अनुसार उत्कर्ष शर्मा का फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन के लिए चयन हुआ है। उन्हें 28 दिसंबर 2025 को हैदराबाद स्थित वायुसेना अकादमी में रिपोर्ट करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। जनवरी 2026 से उनका प्रशिक्षण बैच शुरू होगा, जिसके बाद वे औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना का हिस्सा बनकर देशसेवा की जिम्मेदारी निभाएंगे।
उत्कर्ष की इस सफलता की खबर मिलते ही गांव चांदपुर (कलेहरा) में उत्सव जैसा माहौल बन गया। ग्रामीणों, रिश्तेदारों और क्षेत्रवासियों ने मिठाइयां बांटकर खुशी जाहिर की और उत्कर्ष को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। लोगों का कहना है कि इस तरह की प्रेरणादायक सफलताएं ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने का हौसला देती हैं।










