पुलिस की एसआईयू टीम ने शहर के नामी लकड़ी कारोबारी सतपाल सत्ता के निहालगढ़ गोदाम में गोपनीय दबिश दी है।सूत्रों के मुताबिक टीम ने खैर की लकड़ी से लदा ट्रक कब्जे में ले लिया है। इस ट्रक में तकरीबन 18 से 20 क्विंटल लकड़ी लदी हुई थी, जो गोदाम के समीप ही पार्क किया गया था। गोदाम में लकड़ी के दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। पता चला है कि स्टॉक में दर्शाई गई लकड़ी की मात्रा मेल नहीं खा रही थी।
जानकारों का कहना है कि मामला संवेदनशील इसलिए था क्योंकि कारोबारी प्रभावशाली है। लिहाजा पिछले दो-तीन दिनों से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान ही पांवटा साहिब में डेरा डाले हुए थे। बुधवार को भी जब टीम ने दबिश दी तो एएसपी शहर में ही इस मामले को लेकर मॉनिटरिंग कर रहे थे। अंतिम समाचार के मुताबिक रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि कारोबारी के वन विभाग से अधिकृत गोदाम में दबिश दी गई थी।
सूत्रों का कहना है कि कारोबारी ने दबिश दे रही टीम को बताया कि खैर की लकड़ी को यूपी से लाया गया है, लेकिन इस बारे कोई संतोषजनक दस्तावेज पेश नहीं कर सका। बताते हैं कि घाटी में लकड़ी का पूरा कारोबार सतपाल के इर्द-गिर्द ही घूमता है। इस मामले में पुलिस ने चोरी के साथ-साथ फोरैस्ट एक्ट की धारा-41 व 42 के तहत मामला दर्ज किया है।
गौरतलब है खैर की लकड़ी का इस्तेमाल कत्था बनाने के लिए किया जाता है। लिहाजा यह लकड़ी बेशकीमती होती है, जो किलोग्राम में बिकती है। जानकार बताते हैं कि अब इस मामले में एसआईयू यह पता लगाएगी कि क्या अवैध कटान करने के बाद लकड़ी को इकट्ठा किया गया था, या फिर बीच में कोई दलाल है जो लकड़ी लाकर कारोबारी के सुपुर्द करता था। इस बड़े खुलासे की टीम में एएसआई राजेंद्र, हैड कांस्टेबल पंकज व विकास के अलावा कांस्टेबल रिजवान शामिल थे।