हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के उपमंडल नूरपुर के तहत पड़ते कस्बा राजा का तालाब के साथ लगते गांव सुखार की लड़की काल्पनिक नाम तन्वी घई ने पुलिस में दी शिकायत में आरोप लगाया है कि उसके और तहसील फतेहपुर की पंचायत बरोह के गांव वंगोली के युवक संजीव कुमार सुपुत्र शाम लाल के बीच पिछले एक वर्ष से सम्बधं है और दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे जिसके बाद दोनों ने आपसी सहमति से पठानकोट जाकर कानूनी तौर तरीके से शादी कर ली।
मगर जब शादी करने के बाद दोनों लड़के के घर गए तो लड़के के घरवालों ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की तथा उन्हे घर में नहीं जाने दिया। लड़की का कहना है कि लड़के के घरवालों का कहना है कि लड़की छोटी जाति की है तथा लड़का ब्राहण है ,इस वजह से वह उसे अपने घर में नहीं रख सकते जबकि लड़के के कहने पर लड़की ने अपने घरवालों की परवाह किए बिना शादी कर ली जिसकी वजह से लड़की के घरवालों ने भी उसे घर आने से मना कर दिया। लड़की का कहना है कि वह स्थानीय कस्बे में अपना साइबर कैफे चलाती है जहां पर कोर्स करने के लिए गांव बंगोली डाकघर ढसोली का युवक संजीव कुमार उसके कैफे में कंप्यूटर सीखने आता था ,इसी दौरान युवक को लड़की के साथ मोहब्बत हो गई तथा दोनों के बीच बातचीत बढ़ गई तथा दोनों के बीच एक साल तक अफेयर चलता रहा ।
बाद में दोनों ने सहमति से शादी भी कर ली मगर लड़की का कहना है कि शादी से पहले उसने लड़के को बोला कि घरवालों की सहमती से शादी कर लेते हैं मगर लड़के ने मना कर दिया कि घरवालों को बताया तो वो कभी भी शादी के लिए नहीं मानेंगे जिसके चलते उन्होंने घरवालों की बिना सहमति के पठानकोट जाकर 10 अक्तूबर को कचहरी में शादी कर ली। लड़की का आरोप है कि जिस युवक ने घरवालों की परवाह किए बिना उसके साथ शादी कर ली उसी ने घरवालों के दबाव में आकर शादी के दो सप्ताह बाद उसे अकेले छोड़ दिया। दोनों की शादी दस अक्टूबर को हुई थी मगर दो सप्ताह बाद दोनों अलग-अलग हो गए। लड़की का कहना है कि अब घर वालो के दबाव में आकर लड़का भी यही कहता है कि तुम छोटी जाति से संबंधित हो इसी वजह से मैं तुम्हें नहीं रख सकता जिस कारण से पीड़िता दुखी होकर स्थानीय पुलिस प्रशासन के पास गई।
स्थानीय गंगथ पुलिस प्रशासन ने दोनों को बुलाकर कर दोनों के बीच राजीनामा करवा दिया जिसमे लड़के ने यह माना कि वह लड़की को हमेशा अपने साथ रखेगा मगर एक सप्ताह इकट्टे रहने के बाद लड़का उसे छोड़कर फिर भाग गया। पीड़िता न्याय के लिए दर-दर भटक रही है लेकिन प्रशासन लड़के और उसके परिवार पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर रहा हैं। लड़की का कहना है कि जब घर वालों ने उन दोनों को घर नहीं जाने दिया तो दोनों किराए के कमरे पर रहने लगे। लड़के को अपने साइबर कैफे में रोजगार भी दिया तथा उसका सारा खर्च लड़की ही उठाती है।
लड़के ने कई बार लड़की से घर वालो की मदद व अपना खर्च चलाने के लिए पैसे भी लिए । मगर प्यार मोहब्बत करने के बाद शादी करने के बाद अब लड़के ने उसे छोड़ दिया जिस वजह से लड़की पूरी तरह से टूट चुकी है। लड़की का कहना है कि उसने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी कई बार शिकायत की लेकिन वहां से यही जवाब मिलता है कि आपकी शिकायत का निवारण कर दिया गया है लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिला है। लड़की ने मांग कि है कि उसे जल्द न्याय दिलाया जाए तथा दोषी लड़के और उसके परिवार पर उचित कार्यवाही की जाए ताकि समाज में इस तरह के लोग जो लड़कियों को हमेशा भोग विलास की वस्तु समझकर छोड़ देते हैं उन्हे सबक मिल सके। यह सब देखकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ,नारी सम्मान, महिला सशक्तिकरण, समानता का अधिकार जैसे सरकार के सारे दावे जमीनी स्तर पर धराशायी होते हुए नजर आते हैं।
वहीं इस बारे में पुलिस चौकीं गंगथ के प्रभारी पवन गुप्ता का कहना है कि लड़की की शिकायत उनके पास आई थी तथा दोनो को बुलाकर राजीनामा करवा दिया था जिसमें लड़के ने लड़की को साथ रखने का फैसला माना था।












