हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बीते कल गुरूवार को कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय लिए जिसको लेकर अब कई तरह की चर्चाएँ शुरू हो गई है। ऐसा ही एक निर्णय HRTC बसों में पुलिस कर्मचारियों के सफ़र को लेकर लिया गया। जिसके बाद सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान को सीपीएस रामकुमार चौधरी ने अपने वक्तव्य को करेक्ट करने की सलाह दे डाली।
दरअसल कैबिनेट की बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देने के लिए मीडिया के सामने आये। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पुलिस की HRTC बसों में फ्री यात्रा बंद की गई। मंत्री द्वारा शब्द “पुलिस की फ्री यात्रा” का प्रयोग किया जाना यह दर्शाता है कि उन्हें तथ्यों के बारे पूरी जानकारी नहीं है।
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने बीते कल गुरूवार को कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय लिए जिसको लेकर अब कई तरह की चर्चाएँ शुरू हो गई है। ऐसा ही एक निर्णय HRTC बसों में पुलिस कर्मचारियों के सफ़र को लेकर लिया गया। जिसके बाद सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान को सीपीएस रामकुमार चौधरी ने अपने वक्तव्य को करेक्ट करने की सलाह दे डाली।
दरअसल कैबिनेट की बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देने के लिए मीडिया के सामने आये। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पुलिस की HRTC बसों में फ्री यात्रा बंद की गई। मंत्री द्वारा शब्द “पुलिस की फ्री यात्रा” का प्रयोग किया जाना यह दर्शाता है कि उन्हें तथ्यों के बारे पूरी जानकारी नहीं है।
सीपीएस रामकुमार ने मंत्री को दे दी अपने वक्तव्य को करेक्ट करने की सलाह
बस इसी बात को लेकर सीपीएस रामकुमार चौधरी ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है। जिसमे सीपीएस रामकुमार चौधरी ने कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान को अपने वक्तव्य को करे करेक्ट करने की सलाह दे डाली है। राम कुमार चौधरी ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए लेकिन हमारे वरिष्ठ मत्री हर्षवर्धन ने HRTC की बसों में पुलिस कर्मचारियों को फ्री यात्रा बंद करने को लेकर जो बयान दिया गया वो गलत है। उन्होंने कहा कि हमारे पुलिस विभाग में करीब 18000 पुलिस कर्मी है। जिनकी सैलरी से हर महीने 130 रुपये प्रति व्यक्ति कटते थे, और लगभग साढ़े 23 लाख HRTC को इंनकम के तौर पर प्राप्त होते थे। सरकार ने इनके लिए फैसला लिया था वह सही होगा और अब सरकार ने फैसला लिया है तो सही होगा। मंत्रीजी इसे करेक्ट करे।
हर्षवर्धन के बयान पर पुलिस कर्मचारियों में नाराजगी
बता दें कि मंत्री हर्षवर्धन के इस बयान से से पुलिस कर्मचारियों में नाराजगी नजर आ रही है। सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस कर्मचारी इस बयान अपना विरोध जताते नजर आ रहे हैं। जिसको लेकर एक पोस्ट भी वायरल हुई है। जिसमे लिखा है ” माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी हम आपका ध्यान दिनांक 08/08/2024 को शिमला में हुई कैबिनेट की मीटिंग की ओर आकर्षित करना चाहते हैं जिसमे हिमाचल पुलिस की HRTC में यात्रा जिसके लिए प्रत्येक पुलिस कर्मचारी हर माह 210 रुपये अपनी सैलरी से अदा करता है, को बंद कर दिया गया और आपकी कैबिनेट के मंत्री हर्षवर्धन चौहान जी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सरकार द्वारा पुलिस की HRTC बसों में फ्री यात्रा बंद की गई। महोदय माननीय मंत्री महोदय द्वारा शब्द “पुलिस की फ्री यात्रा” का प्रयोग किया जाना यह दर्शाता है कि उन्हें तथ्यों के बारे पूरी जानकारी नहीं है जिससे इस शब्द ने आम जन के बीच मे पुलिस की छवि को ठेस पहुंचाई है व आमजन में यह धारणा बनी कि पुलिस मुफ़्त यात्रा करती है जबकि तथ्य यह है कि पुलिस हर साल करीब 5 करोड़ रुपये यात्रा के बदले HRTC को देती है जिसमें से करीब 20% पुलिस कर्मचारी ही ड्यूटी के संदर्भ में HRTC की बसों में सफर करते हैं शेष 80% पुलिस जवान ड्यूटी हेतु पुलिस विभाग की गाड़ियों या अपनी निज़ी गाड़ियों में सफर करते हैं। महोदय हमें नहीं लगता कि इस सुविधा को बंद करके HRTC को कोई मुनाफ़ा होगा क्योंकि आज तक पुलिस कर्मचारी जहाँ भी राजकीय कार्य से यात्रा करता है तो वह ज्यादातर अपने निज़ी वाहन का प्रयोग करता है और किसी प्रकार के यात्रा भत्ते का क्लेम नहीं करता किंतु इस सुविधा के बंद होने पर प्रत्येक कर्मचारी अपनी सरकारी यात्रा का क्लेम करेगा जिससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा व HRTC को भी सालाना करोड़ो रुपयों का नुकसान होगा। HRTC के घाटे की वजह HRTC staff स्वयं व निगम की दयनीय स्तिथि है हिमाचल पुलिस नहीं। मान्यवर इस निर्णय के साथ आपसे यह भी गुजारिश है कि पुलिस को एक माह का अतिरिक्त वेतन जो पुराने पे स्केल से दिया जा रहा और जिसमें सालाना 30 से 35 हज़ार का नुकसान प्रत्येक कर्मचारी को हो रहा है उसे भी बंद करके पुलिस की ड्यूटी 24 घंटे से 8 घंटे करने का कष्ट करें तथा पुलिस को हर सार्वजनिक अवकाश को मनाने की छूट दी जाए और यह सार्वजनिक अवकाश एक साल में करीब 90 दिन यानी 3 महीने बनता है। महोदय जब भी कोई त्यौहार या मेले आते हैं तो सभी कर्मचारी छुट्टियां लेकर अपने परिजनों के साथ उनका आनंद लेते हैं जबकि इन मौकों पर अक्सर पुलिस की छुट्टियां बंद कर दी जाती है। मुख्यमंत्री जी पूरे समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा से सेवा करने के बाद भी पुलिस के साथ सौतेला व्यवहार क्यों..? सभी विभागों का उचित ख्याल रखने के बाद सिर्फ पुलिस विभाग की ही उपेक्षा क्यों..? 2024 में 24 घंटे ड्यूटी करने के बाद भी अतिरिक्त वेतन पुराने 2012 के स्केल से क्यों..? HRTC को प्रतिमाह करीब 40 लाख रुपये देने के बाद भी यात्रा को फ्री यात्रा का टैग क्यों..?
सभी विभागों में ड्यूटी 8 घंटे तो पुलिस की ही ड्यूटी 24 घंटे क्यों..? बस यही चंद सवाल है मान्यवर जो हमारे मनोबल को तोड़ते हैं कि आखिर हम इतने मजबूर क्यों है..। अगर हमारे शब्दों व उपलब्ध तथ्यों से कोई ठेस पहुंची हो तो क्षमा करना श्रीमान समस्त पुलिसजन हिमाचल प्रदेश पुलिस…