हिमाचल प्रदेश में 100 उद्योगों ने उद्योग विभाग के पास अपनी लीज ट्रांसफर करने के लिए आवेदन किया है। ऐसे में यह उद्योग बंद हैं, लेकिन यह अस्थायी रूप से बंद हैं तथा यह अपने उद्योगों को दूसरों को बेचना चाहते हैं। इसके अलावा राज्य बिजली बोर्ड के पास 80 से 100 उद्योगों ने बिजली के कनैक्शन काटने के लिए आवेदन किया है। साथ ही कई ने अपने जीएसटी नंबर का सरैंडर किया है। यह बात उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक बिक्रम सिंह के अनुपूरक सवाल के जवाब में कही।
उन्होंने कहा कि कई उद्योग घाटे, वित्तीय समस्या व पारिवारिक समस्या आदि के कारण बंद कर दिए हैं, लेकिन उद्योग बंद करने की सूचना उद्योग विभाग को नहीं दी जाती है। यह सूचना एकत्र की जा रही है। इससे पहले विधायक डाॅ. जनक राज व जीत राम कटवाल के मूल के सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री ने बताया कि राज्य में 1 जनवरी, 2023 से 30 जून, 2024 तक 5293 नए उद्योग शुरू हुए हैं। प्रदेश में केवल 1 इकाई मैर्सज के किरण पी इंटरनैशनल प्राइवेट लिमिटेड ने हरियाणा राज्य में पलायन किया है। उद्योगों का पलायन करना या उनका बंद होना सरकार के नियंत्रण में नहीं होता है। सरकार अपनी उद्योग नीति के अंतर्गत निवेश के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करती है।
हालांकि औद्योगिक इकाइयों का बंद होना व एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होना सामान्य घटना है, जिसके कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख रूप से बाजार के उत्पादन की बिक्री कम होना, अन्य समान औद्योगिक इकाइयों के साथ प्रतिस्पर्धा, निवेशकों की आपसी अनबन, प्रौद्योगिकी उन्नति इत्यादि। इस दौरान अनुपूरक सवाल करते हुए बिक्रम सिंह ने कहा कि सुविधाओं के अभाव में कई उद्योग राज्य से पलायन कर चुके हैं। उन्होंने कुछ उद्योगों के नाम भी बताए।
पड़ोसी राज्यों से 1 रुपए सस्ती होगी बिजली
उद्योग मंत्री ने कहा कि उन्होंने सी.एम. सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया कि उद्योगों को दी जाने वाली बिजली पड़ोसी राज्यों से सस्ती दी जाए। इस पर सीएम ने आश्वासन दिया है कि हिमाचल में उद्योगों को पड़ोसी राज्यों से 1 रुपए सस्ती बिजली दी जाएगी, ताकि यह पलायन न करें।