( जसवीर सिंह हंस ) गुरु की नगरी व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मे अधिकतर स्ट्रीट लाइट्स बंद पड़ी है वही नगरपालिका के पास अनगिनत बहाने है पर उनको कौन समझाय की जनता को तो सुविधा से मतलब है न की बहानो से पर कुम्भ्करनी नींद सोई पड़ी पांवटा साहिब नगरपालिका को कौन जगायेगा | बिजली बोर्ड एल.ई.डी. लाइट को ही ख़राब बता रहा है तो एल.ई.डी. लाइट लगाने वाली कम्पनी बिजली की लाइन में फाल्ट बता रही है |
यदि नई लाइन नहीं बिछती तो क्या तब तक सारे शहर को अँधेरे में रखा जायगा क्यों की नई एल.ई.डी. लाइट लगने से पहले नई बिजली की लाइन बिछाने व उसके बाद ही एक प्राइवेट कम्पनी जिसके पास एल.ई.डी. लाइट लगाने का ठेका है लाइट लगाना शुरू करना था परन्तु वोट की खातिर जल्दबाजी में ही दो जगह एल.ई.डी. लाइट लगाने का उद्घाटन भी कर दिया परन्तु अब शहर की एल.ई.डी. लाइट ख़राब होने पर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टिया मुह छुपाकर बैठ गयी है |
शहर में कई ऐसे आपराधिक मामले सामने आए जब अपराधी अँधेरे का फायदा उठाकर भाग गये है पर शायद पांवटा साहिब नगरपालिका को इससे कोई फरक नहीं पड़ता बस नई एल.ई.डी. लाइट के नाम का राग अलापा जा रहा है | वही कुछ पार्षदों दवारा पास में खम्बे होने के बावजूद अपने घर पर एल.ई.डी. लाइट लगवाने व वोटो की खातिर एल.ई.डी. लाइट के मुह कुछ खास लोगो के घर की तरफ मोड़ देने पर भी पर भी कुछ कारेवाही नहीं हुई जबकि S.D.M. को भी इसकी शिकायत हो चुकी है |
नगरपालिका में अपना स्थाई कार्यकारी अधिकारी न होने के कारण सारे काम ठप्प पड़े है इसमें भी सरकार दवारा नगरपालिका को अपना स्थाई कार्यकारी अधिकारी न प्रदान करने के आरोप लग रहे है वही स्थानीय विधायक व नगरपालिका में तालमेल न होने के कारण भी विकास कार्य में बाधा आ रही है |