प्रदेश सरकार अगले वर्ष फरवरी माह के दौरान धर्मशाला में मेगा निवेशक सम्मेलन का आयोजन करेगी ताकि हिमाचल प्रदेश को उद्यमियों के लिए संभावित निवेश गंतव्य के रूप में दिखाया जा सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह जानकारी आ यहां मुख्यमंत्री कार्यालय में विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की त्वरित मंजूरी व प्रभावी अनुश्रवण के लिए तैयार किए गए हिम प्रगति पोर्टल को आरम्भ करने के उपरान्त बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मशाला में आयोजित निवेशक सम्मेलन से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के निवेशक आकर्षित करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य अमृतसर से कोलकत्ता के लिए आगामी ईस्टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कोरिडोर से जुड़ा है और पांच प्रमुख औद्योगिक गलियारे इसके बहुत नजदीक स्थित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल से विभिन्न औद्योगिक, पर्यटन, ऊर्जा तथा अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं की त्वरित मंजूरी व प्रभावी आनलाइन निगरानी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि निवेशक तथा उद्यमी इस पोर्टल पर लॉगऑन अपनी परियोजनाओं की वस्तुस्थिति की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य के निवेश लक्ष्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति तथा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उप समिति शीघ्र गठित की जाएगी। सरकार हिमाचल प्रदेश को निवेशकों का पसंदीदा गंतव्य बनाने के लिए वर्तमान औद्योगिक बढ़ावा नीतियों की भी समीक्षा करेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में अन्य राज्यों की अपेक्षा सुशासन, निवेशक मित्र वातावरण, व्यवसाय में आसानी, विद्युत की अधिकता व प्रशिक्षित मानव स्रोत उपलब्ध है। प्रदेश सरकार निवेशकों को पर्यटन, उद्योग, ऊर्जा, कृषि आधारित उद्योगों व संबंधित गतिविधियों में निवेश के लिए हिमाचल प्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में प्रस्तुत करेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्वीकृतियों के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया को भी सरलीकृत करने के प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र, विनिर्माण क्षेत्र, ऊर्जा, पर्यटन व संबंधित अधोसंरचना, सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी व संबंधित क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करेगी। मुम्बई, अहमदाबाद बैंगलोर, हैदराबाद, दिल्ली तथा लुधियाना आदि मुख्य घरेलू गंतव्य में रोड़ शो आयोजित किए जाएंगे तथा प्रमुख कार्पोरेट घरानों के कार्यकारी अधिकारी के साथ वार्तालाप कर विश्वास पैदा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न परियोजनाओं की तीव्र स्वीकृति सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उद्योग, ऊर्जा और पर्यटन जैसे मुख्य विभागों के लिए निर्धारित लक्ष्य निर्धारित समय के भीतर पूरा करना सुनिश्चित बनाना होगा। उन्होंने कहा कि हालांकि हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति लगभग एक समान है परन्तु उत्तराखंड ने निवेशकों को आकर्षित करने में जबरदस्त प्रगति की है।
मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह, प्रधान सचिव उद्योग मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुंडू, निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा, निदेशक ऊर्जा मानसी सहाय ठाकुर, निदेशक पर्यटन विभाग राकेश कंवर, मुख्य अरण्यपाल वन अजय कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डी.सी. राणा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।