पांवटा साहिब उपमंडल के माजरा क्षेत्र में अपहरण हुई युवती अंबाला के साहा में पुलिस टीम से बरामद करने के बाद सोमवार को दोबारा अदालत में पेश किया। जिला सिरमौर के पुलिस अधीक्षक निश्चित सिंह नेगी ने बताया कि युवती ने अदालत में बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से युवक के साथ गई थी शनिवार से युवती वन स्टॉप सेंटर में थी ।

युवक उसका दोस्त है, वह दोनों घूमने गए थे। उसकी ना तो शादी हुई है, ना ही उसका धर्म परिवर्तन हुआ है। अदालत में युवती के बयान दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसे परिजनों को सौंप दिया है इसके बाद माहौल शांत होने की संभावना है वही सिरमौर के पुलिस अधीक्षक निश्चित सिंह नेगी ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है

गौरतलब हैं कि पांवटा साहिब उपमंडल के माजरा पुलिस थाना क्षेत्र के तहत आने वाले एक गांव में उपजे सांप्रदायिक तनाव के बारे में सोमवार को डॉक्टर राजीव बिंदल ने नाहन में पत्रकार वार्ता में बताया था कि हिंदू लड़की का धर्मांतरण व शादी गैरकानूनी है। बिंदल ने कहा कि धर्मांतरण से पहले एक महीने का नोटिस सब जुडिशल मजिस्ट्रेट को देना होता है, उसके बाद पब्लिक नो ऑब्जेक्शन की प्रक्रिया होती है। परमिशन का प्रोसेस भी पूरा नहीं किया गया, तो यह धर्मांतरण गैरकानूनी है। युवक के वकील ने अदालत में बताया कि 4 जून को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में लड़का लड़की की शादी हुई है, जो कि गैरकानूनी है। क्योंकि युवक 19 साल का है। डॉक्टर बिंदल ने कहा कि इस गैरकानूनी शादी पर युवक के परिजनों पर मामला दर्ज होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 13 जून को हुए प्रदर्शन के दौरान पूर्व ऊर्जा मंत्री व स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) लगाने को भी राजनीति से प्रेरित बताया और पूछा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया गया, लेकिन पुलिस पर ईंट फेंकने वालों और महिलाओं की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
किसी भी समाज के अगर दो बच्चे आपसी रजामंदी से शादी कर लेते हैं। तो ऐसे में इसे राजनीति रंग में नहीं देना चाहिए। यह किसी सरकार, व्यक्ति विशेष या समाज द्वारा की गई घटना नहीं है। यह दो नौजवानों का निर्णय है। यह बात नाहन में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मीडिया द्वारा माजरा प्रकरण पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहे। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पुलिस ने युवती को तलाश करने में देरी की, तो पुलिस पर सरकार का कोई दबाव नहीं था। अगर हम भी भाजपा की तरफ पीड़ित परिवार का नाम बता दें। तो परिवार को भविष्य में कई सामाजिकघटनाओं का सामना करना पड़ेगा। मगर हम ऐसा नहीं करना चाहते।
कोर्ट में युवती ने क्या कहा, हम यह भी मीडिया को नहीं बनाना बताना चाहते। हमें पारिवारिक मामलों को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। मगर हमारे समाज में कुछ ऐसे लोग हैं, जो हर मामले को राजनीतिक रंग देते हैं, जिसमें सभी को संयम से काम लेना चाहिए।