आधी रात दरका पहाड़, बच्चों को पीठ पर उठाकर घर छोड़ भागे लोग

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश में हो रही लगातार भारी बारिश ने तबाही का मंजर पैदा कर दिया है। छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध मंडी शहर में सोमवार रात हुई एक भयावह घटना ने सैकड़ों लोगों की रात की नींद छीन ली। करीब रात 9:30 बजे गुरुद्वारा के पास की पहाड़ी से अचानक विशालकाय पत्थरों का गिरना शुरू हुआ। इसके साथ ही वहां रह रहे लोगों के लिए डरावने सपनों की एक लंबी रात शुरू हो गई।

बच्चों को गोद में उठाकर भागे लोग

घटना के बाद पूरा इलाका दहशत में आ गया। लोग अपने घरों से निकलकर जान बचाने की होड़ में लग गए। कॉलोनी के 200 से अधिक लोग रात में अपने घरों से भागे और पास के मां भीमाकाली मंदिर में शरण ली। कई लोग अपने बच्चों को गोद में उठाए हुए, महिलाएं और बुजुर्ग रोते.बिलखते मंदिर की ओर दौड़ते नजर आए। कुछ ने अपने बुजुर्ग माता.पिता को पीठ पर लादकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। स्थानीय निवासी अंजू शर्मा बताती हैं कि एक तेज धमाके जैसी आवाज आई। सबकुछ हिल गया। डर के मारे हम लोग घर से बाहर भागे। किराएदार इधर.उधर बेतहाशा दौड़ रहे थे।

रात के सन्नाटे को चीरती पत्थरों की तेज आवाजें जैसे ही सुनाई दीं, इलाके में अफरा.तफरी मच गई। चंद मिनटों में चार मकान चट्टानों की चपेट में आ गए, जिससे भारी नुकसान हुआ है। हालात को गंभीर देखते हुए प्रशासन ने सुबह होते ही चारों मकानों को खाली करवा दिया। इन घरों में रहने वाले 10 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया, ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो।

रात में अधिकांश लोग खाना खा रहे थे, जब पत्थरों के गिरने की आवाजें तेज़ हुईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे ही आवाजें आईं, सब कुछ छोड़कर जान बचाने दौड़ पड़े। खाना, कपड़े, सामान कुछ साथ नहीं ले जा सके। रात की वजह से यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि पहाड़ से कितने बड़े पत्थर गिरे और कितना नुकसान हुआ। मौके पर पहुंचे नगर निगम आयुक्त रोहित राठौर और पड्डल वार्ड के पार्षद सुमेश शर्मा ने बताया कि हालात को नियंत्रण में लाने की कोशिशें रात से ही जारी हैं।

हिमाचल प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से मिट्टी कमजोर हो चुकी हैए और भूस्खलन ;लैंडस्लाइडद्ध की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया हैए जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। स्थानीय पार्षद सुमेश शर्मा ने जानकारी दी कि 10 मकान एहतियातन खाली कराए गए हैं और प्रभावित परिवारों को स्थानीय स्कूलों व सामुदायिक भवनों में अस्थायी आश्रय दिया गया है। हालांकि लोगों के मन में डर अब भी कायम है। बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही और पहाड़ों से गिरते पत्थरों की आशंका बनी हुई है।

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