रक्षाबंधन के त्यौहार पर होने वाली पतंगबाजी को देखते हुए नाहन उपमंडल में इस बार चाइनीस मांझे और डोर पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। उपमंडलाधिकारी (नागरिक) नाहन राजीव संख्यान ने इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए सभी नागरिकों व दुकानदारों को चेतावनी दी है कि वे पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे का प्रयोग बिल्कुल न करें। जारी अधिसूचना में बताया गया है कि यह धागा अत्यंत खतरनाक है, जो न केवल पक्षियों के लिए जानलेवा साबित होता है। बल्कि मानव जीवन और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है।
चाइनीस मांझा प्लास्टिक व कांच के महीन कणों से बना होता है, जिससे बिजली की तारों में उलझने पर शॉर्ट सर्किट का खतरा रहता है। जानकारी में बताया गया है कि यह मांझा राहगीरों, खासकर दोपहिया वाहन चालकों को गहरे घाव और दुर्घटना का शिकार बना सकता है। गौर हो कि हर वर्ष इस जानलेवा धागे के कारण अनेक पक्षी घायल या मृत हो जाते हैं। पिछले साल भी इस चीनी मांझे से कई पक्षियों के मरने और कई लोगों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं सामने आई थीं।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेशों का पालन करते हुए, हिमाचल प्रदेश सरकार ने 3 फरवरी, 2017 की अधिसूचना संख्या एस.टी.ई.-ई0 (3) 18/2016 के तहत उक्त चीनी मांझे (नायलॉन धागा या चीनी डोरी/धागा) और कांच व अन्य हानिकारक पदार्थों से लेपित सिंथेटिक धागे/सूती धागे की खरीद, संचय, बिक्री और प्रयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है।
उप-मंडलाधिकारी राजीव संख्यान ने जारी आदेश में नाहन उप-मंडल की समस्त जनता व दुकानदारों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि कोई भी व्यक्ति चीनी मांझे को संचय करते, बेचते या प्रयोग करते हुए पाया जाता है, तो उनके विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। प्रशासन ने सभी से पर्यावरण अनुकूल सूती या देशी मांझे का ही प्रयोग करने की अपील की है।