शिलाई: जन्म के 24 घंटे बाद नवजात की मौत, पिता ने अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ पर लगाए गंभीर आराेप

Khabron wala

सिरमौर जिले के शिलाई सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की कथित लापरवाही का एक मामला सामने आया है। यहां एक पिता ने नर्सिंग स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी लापरवाही के कारण उनके एक दिन के नवजात शिशु की मौत हो गई। पीड़ित पिता ने पांवटा साहिब अस्पताल में मीडिया के सामने अपना दर्द बयां करते हुए इस तरह की लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले के तूल पकड़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है।

कोटीभोच गांव के निवासी गोपाल सिंगटा के अनुसार उनकी पत्नी की शिलाई अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी हुई थी। उन्होंने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया था, जिसका वजन 3 किलो 300 ग्राम से अधिक था, लेकिन जन्म के अगले ही दिन बच्ची को अचानक तेज बुखार आ गया। डॉक्टर ने जांच के बाद कुछ दवाइयां दीं और यह भी कहा कि यदि बच्ची की तबीयत बिगड़े तो तुरंत स्टाफ को सूचित करें। गोपाल सिंगटा ने आरोप लगाया कि रात के समय जब बच्ची की हालत बिगड़ने लगी तो उन्होंने 3 से 4 बार ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्सों को आवाज लगाई, लेकिन कोई भी मदद के लिए नहीं आया। गोपाल के अनुसार मजबूर होकर मैंने सिक्योरिटी गार्ड से मदद की गुहार लगाई, लेकिन नर्सों ने कहा कि खुद थर्मामीटर उठाकर बुखार जांच लो। जब तक पिता ने तापमान जांचा, बुखार बहुत तेज हो चुका था। इसके बाद आनन-फानन में बच्ची को पांवटा साहिब के लिए रेफर किया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

पांवटा साहिब अस्पताल में दुखी पिता ने भारी मन से कहा कि आज हमने खुशियां लेकर घर जाना था, लेकिन अब मैं खाली हाथ घर लौट रहा हूं। इस तरह की लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि किसी और के साथ ऐसा न हो।

स्वास्थ्य विभाग ने दिए जांच के आदेश

इस गंभीर मामले पर शिलाई के कार्यवाहक बीएमओ डॉ. शीतल शर्मा ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आ चुका है। उन्होंने कहा कि शुरुआती जानकारी के अनुसार नवजात की तबीयत खराब होने पर उसे पांवटा साहिब अस्पताल रैफर किया गया था, जहां उपचार शुरू होने के कुछ देर बाद उसकी मृत्यु हुई। बच्ची को नाहन मेडिकल कॉलेज भी रेफर किया जा रहा था। डॉ. शर्मा ने कहा कि नवजात की मौत का शुरूआती कारण तेज बुखार लग रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि नर्सिंग स्टाफ पर लगे लापरवाही के आरोपों की गहनता से जांच की जाएगी। इसके लिए पीड़ित परिवार से भी बात की जाएगी और यदि किसी भी स्तर पर कोई लापरवही पाई जाती है तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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