पावटा साहिब : पल्होड़ी गांव के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर , हिमाचल प्रदेश की सरकार ने नहीं ली सुध

पावटा साहिब से वाया पलोडी छछरौली को जोड़ने वाला रास्ता 7 दशक बाद भी कच्चा

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के पावटा साहिब का गांव पल्होड़ी 7 दशक बाद भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह हिमाचल प्रदेश का हरियाणा से सटा ऐसा गांव है जो हिमाचल प्रदेश के पावटा साहिब वाया पल्होड़ी छछरौली यमुनानगर को भी जोड़ता है लेकिन हिमाचल प्रदेश व हरियाणा की किसी भी सरकार ने इस सड़क को पक्का करने की जहमत तक नहीं उठाई हालांकि चुनाव के समय में दोनों प्रदेशों के नेता यहां आकर लंबे चौड़े भाषण देते हैं और सड़कों को पक्का कराने समेत संपूर्ण विकास के दावे करते हैं। फिर चुनाव के बाद 5 साल तक यहां वापस कोई नहीं आता। सरकारी सुविधाओं के अभाव में पल्होड़ी गांव के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।

पल्होड़ी गांव वैसे तो हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर नाहन पोंटा साहिब रोड पर पूरूवाला गांव से घने जंगलों के रास्ते में पड़ता है। पल्होड़ी गांव से हरियाणा की सीमा नजदीक पडती है।हरियाणा की सीमा से सटा होने के कारण इन लोगों के अधिकतर काम छछरौली यमुनानगर में पडते हैं क्योंकि हिमाचल प्रदेश की सीमा तक हरियाणा राज्य परिवहन निगम की बस आ रही है। ग्रामीणों के अनुसार अगर हरियाणा राज्य परिवहन निगम की बस यहां तक न आती तो वह लोग जंगलों के बीच में ही दफन होकर रह जाते क्योंकि हिमाचल प्रदेश की सरकार उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है।

You may also likePosts

हिमाचल प्रदेश पावटा साहिब के गांव पल्होड़ी निवासी मोहम्मद यासीन,मतलूब अली,दीन मोहम्मद, रफीक, रामशरण, ज्ञान चंद, गोरखनाथ, सचिन कुमार,लाला राम आदि ने बताया कि पोंटासाहिब नाहन रोड से पुरूवाला होते हुए गांव पलोडी पहुंचने के लिए से लगभग 18 किलोमीटर का जोखिमभरा सफर शुरू होता है। कई किलोमीटर घने जंगल के उबड़-खाबड़ कच्चा रास्ता है। जिसको हिमाचल सरकार के सभी पार्टियों के नेता चुनाव के समय में पक्का करवाने की बात करके चले जाते हैं लेकिन पीछे मुड़कर नहीं देखते। नेताओं की अनदेखी के चलते आज तक गांव में पक्का रास्ता नहीं है।

उनका कहना है कि आजादी के बाद भी सिरमौर का पलोडी गांव सड़क सुविधाओं से नहीं जुड़ पाया। गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है मजबूरन हरियाणा के छछरौली यमुनानगर जाना पड़ता है। पल्होड़ी गांव पहाड़ों के बीच में बसा हुआ है। रास्ता न होने के कारण मरीज को चारपाई पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया जाता हैं। गांव में डिस्पेंसरी है लेकिन डॉक्टर नहीं आता।

सिंचाई सुविधा न होने के कारण गांव की जमीन भी बंजर हो गई है। जबकि गैस सिलेंडर पहुंचने की संभावना न के बराबर है लोग आज भी चूल्हा जलाकर भोजन पकाते हैं। स्वच्छ जल न मिल पाने के कारण लोग पहाड़ों से निकलने वाली नदियों का पानी पीने को मजबूर है। सारा दिन महिलाएं नदी में कपड़े धोती व पानी भरती देखी जा सकती हैं।

बिजली न होने के कारण जानवर करते हैं परेशान – पल्होड़ी गांव आधा दर्जन के करीब डेरों में बसा हुआ है। अधिकांश जगहों पर बिजली की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में जंगली जानवर अंधेरे का फायदा उठाकर उनके पशुओं को उठा ले जाते हैं। लोगों ने जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए कुत्ते रखे हुए हैं। उनको भी तेंदुए उठा ले जाते हैं ऐसे में लोगों को अपनी व अपने बच्चों को लेकर काफी चिंतित हैं। जिन जगहों पर बिजली है वहां खराब होने पर कई कई दिनों तक कोई देखने के लिए नहीं आता बिल भी यहां तक नहीं पहुंचते।

नदी का पानी पीने को मजबूर लोग – स्वच्छ जल की सुविधा न होने के कारण लोगों को पहाड़ों से निकलने वाली नदी का पानी पीना पड़ रहा है। कुछ जगहों पर पानी की पाइपलाइन आ रही है। अगर बरसात में पानी की पाइप लाइन टूट जाए तो कई कई दिनों तक पानी की दिक्कत रहती है।

सुविधाओं के अभाव में पलायन को मजबूर ग्रामीण – ग्रामीण हाजी यासीन मतलूब अली दीन मोहम्मद,असलम जर्राह आदि ने बताया कि गांव कोई छोड़ना नहीं चाहता। लेकिन गांव में किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। गांव में स्कूल डिस्पेंसरी है लेकिन वहां कोई सरकारी कर्मचारी नहीं पहुंचता। स्वच्छ जल, बिजली, सड़क, गलियां आदि सभी मूलभूत सुविधाएं कोसों दूर है।गांव में रोजगार के भी कोई साधन नहीं है। ऐसे में लोग पलायन को मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेदारी हिमाचल सरकार की होगी।

क्यों आ रही है पलायन की स्थिति – पलोडी गांव पहाड़ों के बीच में बसा हुआ है। पोंटा साहिब 18 किलोमीटर व हरियाणा का छछरौली भी उनसे 15 किलोमीटर पड़ता है हिमाचल प्रदेश का पूरा रास्ता कच्चा उबड़-खाबड़ है जबकि हरियाणा के छछरौली जाने के लिए रास्ता आसान है। ऐसे में कामकाज के लिए उनके ज्यादातर लोग हरियाणा की तरफ रहते हैं। गांव में कोई रोजगार नहीं है ऐसे में धीरे-धीरे लोग पलायन की ओर बढ़ रहे हैं।

हिमाचल के नेताओं का करेंगे बहिष्कार – लोगों का कहना है कि चुनाव के समय में नेता यहां बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन बनने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखते। इस बार लोकसभा व विधानसभा चुनाव में वह लोग नेताओं को अपने गांव में घुसने नहीं देंगे।

इस बारे में पावटा साहिब से विधायक सुखराम का कहना है कि हिमाचल की भाजपा सरकार के समय में पूरूवाला से पलोडी तक की सड़क बनाने के लिए मिट्टी डालकर रास्ता बनाया गया था। कुछ किलोमीटर का टुकड़ा बनवाया भी जा चुका है। पूरी सड़क को बनाने के लिए वन्य प्राणी विभाग से बातचीत की जा चुकी है। उनका कहना है कि अब तक सड़क बनाकर तैयार हो जाती लेकिन वन्य प्राणी विभाग की मंजूरी बाधा बन रही है।

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!