हिमाचल प्रदेश में पैशन संबधी रिकार्ड के 80 लाख पृष्ठों का राज्य सरकार के सहयोग से डिजिटाईजेशन का कार्य पूर्ण कर दिया गया है और अब सामान्य भविष्य निधि के रिकार्ड के डिजिटाईजेशन का कार्य आरंभ कर दिया गया है ताकि पैंशनरों एंव जीपीएफ के अभिदाताओं को बेहतर एवं पारदर्शी सेवाऐं उपलब्ध हो सके ।
यह जानकारी उप-महालेखाकार हिमाचल प्रदेश श्री धु्रव भोला ने आज यहां बचत भवन के सभागार में महालेखाकार (ले.व ह )हिमाचल प्रदेश शिमला के सौजन्य से आयोजित दो दिवसीय पैंशन अदालत का शुभारंभ करने के उपरांत उपस्थित अधिकारियों एवं पैंशनरों को संबोधित करते हुए दी ।
उन्होने कहा कि पैंशन अदालत का उददेश्य पैंशन संबधी त्रुटिपूर्ण मामलों के मौके पर निपटाने तथा पैंशन, पारिवारिक पैंशन, सामान्य भविष्य निधि और गृह ऋण से संबधित नए नियमों के बारे आहरण एवं वितरण अधिकारी को जानकारी देना है । उन्होने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में कुल एक लाख 32 पैंशनर है जिन्हें प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों की सेवानिवृति के उपरांत पैंशन प्रदान की जा रही है । इसके अतिरिक्त महालेखाकार कार्यालय में सामान्य भविष्य निधि के एक लाख अभिदाता और 11हजार से अधिक गृह ऋण संबधी मामलों को लेखा-जोखा उपलब्ध है ।
उप-महालेखाकार ने जानकारी दी कि महालेखाकार कार्यालय द्वारा पैंशनरों एवं सामान्य भविष्य निधि में अंशदान करने वाले कर्मचारियों की सुविधा के लिए एसएमएस सुविधा आरंभ कर दी गई है जिस पर सभी नवीनतम जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी । उन्होने आहरण एवं वितरण अधिकारियों से आग्रह किया कि वह अपने अधीनस्थ सभी कर्मचारियों एवं पैंशनभोगियों के मोबाईल नंबर उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें । उन्होने जानकारी देते हुए कहा कि जो कर्मचारी एनपीएस के अंतर्गत आते है उनके लिए सरकार द्वारा 22 सिंतबर, 2017 के उपरांत सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रेचुटी का प्रावधान कर दिया गया है ।
श्री ध्रुव भोला ने कहा कि इस पैंशन अदालत में हेल्प डेस्क भी स्थापित किया गया है जिसमें पैंशन संबधी मामलों के समाधान के लिए सभी प्रकार के फार्म उपलब्ध करवाए गए है । उन्होने कहा कि पैंशन अदालत में आहरण एवं वितरण अधिकारियों तथा पैंशनधारकों द्वारा प्रस्तुत किए विभिन्न प्रकार के मामलों का भी मौके पर निपटारा किया गया तथा पैंशन मामलों को प्रस्तुत करते समय जिन दस्तावेज को भरना तथा गणना इत्यादि सभी पहलु बारे विस्तार से जानकारी दी गई ।
इस मौके पर उप- महालेखाकार श्री राज अशोक, उप निदेशक कोष युद्धवीर सिंह , वरिष्ठ लेखा अधिकारी रमेश आचार्य, जेसी शर्मा, लेखा अधिकारी ओम प्रकाश ठाकुर, हसंराम हीर, सहायक लेखा अधिकारी विजय कुमार, तिलक राज, मदन शर्मा, राजेन्द्र चंदेल, जिला कोषाधिकारी सतीश कश्यप सहित विभिन्न विभागों के आहरण एवं वितरण अधिकारी तथा पैंशनर संध के पदाधिकारियों ने भाग लिया ।