पांवटा साहिब — पांवटा की राजनीति में काफी उबाल आ गया है। कि संजय सिंघल पूर्व चेयरमैन नपा ने भाजपा समर्थित नपा से समर्थन वापस लेने के लिये मीडिया को प्रतियां थमा दी। इतना ही नही कार्यकारी अधिकारी / एसडीएम पांवटा को भी प्रति थमा दी गयी। मीडिया में समाचार ब्रेक होते ही कांग्रेसियों के चेहरे खिल उठे और मुंह में पानी आ गया । और जिलाधीश कार्यालय में जाकर पत्र भी दे डाला और ग्रुप में फोटो खिचवाकर सोशल मीडिया पर भी डाल दी। कहावत चरितार्थ् होती है कि ” आये थे हरिभजन को औटन लगे कपास” किन्तु भाजपा कहां चुप बैठने वाली थी। भाजपा के बडे दिग्गजों ने कांग्रेस को एकबार फिर पटखनी देने के लिये आपसी गलत फहमी दूर कर डाली और सभी के मन मुटाव दूर करते हुए फिर झंडा बुलन्द कर दिया है। इस समूचे घटनाक्रम में अहम भूमिका निभाने वाले भाजपा महा सचिव अरविन्द गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष चौ0 सुखराम व मदन मोहन शर्मा रहे।
अरविन्द्र गुप्ता ने व्यान जारी करते हुए कहा है कि नगर पालिका जैसी थी वैसी ही रहेगी। कृष्णा धीमान चेयरपर्सन थी वही रहेगी और नवीन शर्मा वाइस चेयरमैन थे। वे वाइस चेयरमेन ही रहेगेव
वही मदन शर्मा का कहना है कि आपसी गुस्सा था व समाप्त हो गया है जो भी गलत फहमियां थी वह दूर हो गयी है और भाजपा देश की सबसे बडी पार्टी है छोटी मोटी बाते होती रहती है। किन्तु जो भी कांग्रेस के लोग ख्याली पुलाव पकाकर बैठे है। वह बैठे ही रहे और बैठे ेही रह जायेगे। उनकेहाथ पल्ले कुछ पडने वाला नही है। मदन शर्मा ने ऐलान किया है कि पहले अपना कुनबा तो सम्हाल लें। बाद में भाजपा या उसके कार्यकर्ताओं पर हाथ डालना।
वहीभाजपा के जिलाध्यक्ष चौ0 सुखराम का कहना है कि कांग्रेस के शाासन में एक पंचायत ऐसी भी है जहां निर्विरोध भाजपा का प्रधान बना है। और नगर पालिका पर भी भाजपा का कव्जा है और आगामी चुनाव में तकरीबन दस हजार मतो से पटखनी दी जायेगी और जनता में भारी आक्रेाश है विधायक के प्रति। नगर पालिका पर काविज होने की बात तो बहुत दूर की बात है। पहले अपना कुनबा सम्हाल लें ऐसा ना हो कि छै में से चार ही रह जाये। फिर क्या मुंह दिखाओगे। अब दो माह बाद खिसियानी बिल्ली खम्बा नौचेगी।