पांवटा शहर की अमीर नगर परिषद की सत्ता पर काबिज होने को कांग्रेस बेताब ।

भाजपा के पार्षद संजय सिंघल द्वारा अध्यक्षा व उपाध्यक्ष से समर्थन वापस लेने के बाद नया राजनीतिक घटनाक्रम पैदा हुआ है। शुक्रवार शाम विधायक किरनेश जंग के नेतृत्व में कांग्रेस समर्थित 6 पार्षदों ने एडीएम हरबंस नेगी को एक पत्र सौंपा है।

इसके मुताबिक एक भाजपा पार्षद ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष से समर्थन वापस लिया है। लिहाजा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष अल्पमत में हैं। कांग्रेस के निर्वाचित पार्षदों के साथ तीन मनोनीत पार्षद भी पहुंचे थे। कांग्रेस के जिला सचिव विशाल वालिया ने कहा कि अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के नए सिरे से चुनाव होने चाहिए।

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गौरतलब है कि भाजपा के पार्षद संजय सिंघल ने अध्यक्षा कृष्णा धीमान व उपाध्यक्ष नवीन शर्मा से यह कहते हुए समर्थन वापस ले लिया था कि नगर परिषद में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। नगर परिषद में 13 पार्षद हैं। भाजपा ने निर्दलीय पार्षद नवीन शर्मा को उपाध्यक्ष की कुर्सी देकर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। अब सिंघल पहले ही समर्थन ले चुके हैं। कांग्रेस के 6 पार्षदों ने भी अपनी राय जता दी है।

मतलब यह है कि 7 पार्षद अब अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ हैं। काफी हद तक यह तय माना जा सकता है कि अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव दोबारा हो। अगर भाजपा अपने रूठे पार्षद को मनाने में कामयाब होती है, उसी सूरत में सत्ता वापस मिलेगी। वरना कांग्रेस बाजी मार सकती है।

उधर एडीएम हरबंस नेगी ने कांग्रेसी पार्षदों का पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पत्र को अविश्वास प्रस्ताव नहीं माना जा सकता।

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