प्रदेश विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 448 डिग्रियां व पदक प्रदान किए

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का 25वां दीक्षांत समारोह आज यहां मनाया गया, जिसमें केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस दौरान मेधावी विद्यार्थियों को 448 डिग्रियां और गोल्ड मैडल प्रदान किए गए, जिनमें 276 छात्राएं और 172 छात्र शामिल हैं। विवेक कुमार को डी.लिट की डिग्री जबकि अफगान के मोहम्मद शरीफ शाहीन को लोक प्रशासन में गोल्ड मैडल प्रदान किया गया। इन सभी विद्यार्थियों को केन्द्रीय मंत्री ने स्वर्ण पदक और डिग्रियां प्रदान की। रमेश पोखरियाल निशंक ने इस अवसर पर कहा कि ज्ञान और बुद्धिमता के कारण सदियों से भारत को विश्व गुरू के रूप में जाना जाता रहा है। भारत वैश्विक भाईचारे और शान्तिपूर्वक मिल जुल कर रहने में विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्टअप जैसी योजनाओं के कारण युवाओं के लिए देश में रोजगार और स्वरोजगार के अपार अवसर हैं। उन्होंने पदक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके सफल जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि नए भारत के निर्माण में देश के युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगामी कुछ वर्षों में देश को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए विद्यार्थियों से समर्पण की भावना से कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार नई शिक्षा नीति ला रही है, जिससे देश में शिक्षा प्रणाली सुदृढ़ होगी और इसे रोजगारन्मुखी बनाया जाएगा। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्ति ही नहीं बल्कि चरित्र निर्माण भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ कौशल विकास पर भी ध्यान देना चाहिए, जिससे उन्हें रोजगार प्राप्ति में सहायता मिलेगी। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और अधिकांश शिक्षण संस्थानों लड़कों से अधिक पदक जीत रही हैं। यह समाज में हो रहे सकारात्मक बदलाव का संकेत है। उन्होंने आज के समारोह में लड़कों की तुलना में अधिक पदक जीतने के लिए छात्राओं को बधाई दी। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि युवा किसी भी देश की सबसे बड़ी ताकत होते हैं और यह खुशी की बात है कि युवाओं की सबसे ज्यादा संख्या भारत में है। इस प्रकार हमारे सम्मुख एक नया संसार है जहां हमारे युवाओं के लिए असीमित सम्भावनाएं हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि युवा इन अवसरों का भरपूर लाभ उठाएंगे और भारत को महाशक्ति बनाने में अपना योगदान देंगे।   मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने और शिक्षा के लिए अधोसंरचना सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार हिमाचल प्रदेश को देश का शिक्षा केन्द्र बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इंडिया टुडे पत्रिका ने अपने सर्वेक्षण में राज्य को हाल ही में बड़े राज्यों की श्रेणी में शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में पहला स्थान प्रदान किया है। यह पुरस्कार मिलने से सरकार शिक्षा क्षेत्र में और अधिक समर्पण व प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए एक अविस्मरणीय पल होता है क्योंकि इस दिन उन्हें अपने कठिन परिश्रम के लिए पुरस्कार प्राप्त होता है। अपनी सफलता के लिए विद्यार्थियों को सदैव अपने शिक्षकों, अभिभावकों और परिवार के सदस्यों के सहयोग को याद रखना चाहिए। उन्होंने लड़कों की अपेक्षा अधिक पदक प्राप्त करने के लिए छात्राओं को बधाई दी। युवाओं में नशें के बढ़ते प्रचलन पर चिन्ता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को इसके विरूद्ध एक व्यापक अभियान आरम्भ करना चाहिए। यह समाजिक बुराई समाज के अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा बनती जा रही है। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से भी नशे के खिलाफ अभियान में शामिल होने का आग्रह किया। डिग्री और पदक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को भावी जीवन की शुभकामनाएं देते हुए जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पूरे उत्तरी भारत में प्रमुख शैक्षणिक संस्थान के रूप में उभर रहा है। केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि युवा देश की सबसे बड़ी ताकत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश विश्वविद्यालय के सुदृढ़ीकरण के लिए हर सम्भव सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पिछले तीन वर्षों में 37.70 करोड़ नए बैंक खाते खोले हैं, जिससे डिजिटल भुगतान सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने जनकल्याण और प्रदेश के विकास के लिए विभिन्न नई योजनाएं आरम्भ करने पर प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि भारत को विश्व शक्ति बनाने के संकल्प के साथ अपना भरपूर सहयोग दें। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश विश्वविद्यालय को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसका वजट 130 करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है। भारत सरकार द्वारा तैयार की जा रही नई शिक्षा नीति से देश को विश्व गुरू की प्रतिष्ठा पुनः लौटेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और खेल गतिविधियों में निरंतर प्रगति करता रहेगा। प्रदेश विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार घनश्याम चन्द ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। प्रदेश भाजपा के संगठन सचिव पवन राणा, महापौर कुसुम सदरेट, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, बाल कल्याण परिषद महासचिव पायल वैद्य भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। 

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