अध्यक्ष विधानसभा, डा0 राजीव बिन्दल ने आज दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भेंट करके नाहन में सेना और स्थानीय लोगों के मध्य दशको से चल रहे भूमि संबधी मामले को सुलझाने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए गए ।
डा0 राजीव बिन्दल ने केंद्रीय रक्षा मंत्री को अवगत करवाते हुए कहा कि लगभग 45 वर्ष पूर्व भू-व्यवस्था विभाग किए गए बंदोबस्त की त्रुटियों के कारण सेना और स्थानीय लोगों के मध्य भूमि संबधी विवाद पैदा हो गया था जिस कारण नाहन शहर के वार्ड न0 12 और इसके साथ लगते 12 गांव के लोगों को काफी परेशानी का सामना कर पड़ रहा है । उन्होने कहा बंदोबस्त की चूक के कारण इस क्षेत्र में रहने वाले सैंकडों परिवार प्रभावित हो रहे हैं ।
अध्यक्ष विधानसभा ने जानकारी दी कि इस मामले के समाधान के लिए अनेकों बार राज्य एवं केंद्र सरकार से मामला प्रभावी ढंग से उठाया गया है । उन्होने बताया कि उनके द्वारा तत्कालीन रक्षा मंत्री श्री मनोहर परिकर से भी इस बारे विस्तार से चर्चा की गई थी, जिसके फलस्वरूप रक्षा विभाग द्वारा राज्य सरकार को पत्र भेजकर सूचित किया गया था कि यदि स्थानीय नागरिकों के कब्जेे के एवज में इतनी ही भूमि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सेना को स्थानान्तरित कर दी जाती हैं तो उस मामले का स्थाई समाधान सुनिश्चित हो सकता है ।
डा0 बिन्दल ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि पूर्व में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश के अनुरूप इस मामलें को और गति प्रदान करने के साथ साथ शीघ्र कार्यवाही करने का अनुरोध किया ।
उन्होने प्रभावित क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए सेना के साथ भूमि विवाद के कारण नाहन नगर परिषद के वार्ड न0 12 तथा साथ लगते कुल 12 गांव जाब्बल का बाग, जलापडी, रामकुण्डी, सिम्बलवाला, रोड़ावाली, लाडली, गाडडा धारक्यारी,, बुब्बीधार, बिक्रम कैंसल, मझौली, कोटडी, गदपेडला तथा भलगों गावों के लोग प्रभावित हो रहे है। उन्होने रक्षा मंत्री को अवगत करवाया कि भूमि विवाद कारण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन पांच किलोमीटर लंबी बनोग-जाबल का बाग का निर्माण कार्य भी अवरूद्ध पड़ा है ।
कंेेन्द्रीय रक्षा मंत्री ने अध्यक्ष विधानसभा डा0 राजीव बिन्दल को आश्वासन दिया कि इस मामले पर गंभीरता से विचार करके इसके स्थाई समाधान के लिए मार्ग प्रशस्त किया जाएगा ।