सड़क दुर्घटनाओं पर शांता कुमार का बड़ा बयान, कहा-“सख्त कानून से बच सकती हैं लाखों जिंदगियां”

Khabron wala

पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने भारत में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कानून को और सख्त बनाने की पुरजोर वकालत की है। उन्होंने दिल दहला देने वाली घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि तेज रफ्तार, शराब पीकर गाड़ी चलाने और नियम तोड़ने जैसे अपराधों के लिए भारी जुर्माने और लाइसैंस रद्द करने जैसे कड़े प्रावधान लागू करने की तत्काल आवश्यकता है।

शांता कुमार ने हाल की दुखद घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि भाई दूज के दिन सड़क दुर्घटना में पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई और दो बच्चे अनाथ हो गए। वहीं भाई टीका लगवाने का इंतजार करता रह गया। एक अन्य मामले में जिस युवक की दो महीने बाद शादी होनी थी, उसकी दुर्घटना में मृत्यु हो गई, जिससे शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें अब रोज की बात हो गई हैं।

शांता कुमार ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं भारत में होती हैं और भारत के भीतर हिमाचल प्रदेश में यह दर सबसे अधिक है। शांता कुमार ने कहा कि भारत में हर साल लगभग दो लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 80 प्रतिशत मौतें तेज रफ्तार, नशे में ड्राइविंग और यातायात नियमों की अनदेखी के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि जिन देशों में इन अपराधों के लिए सख्त सजा है, वहां दुर्घटनाएं बहुत कम होती हैं। भारत में सबसे बड़ी समस्या कानून के प्रति डर का न होना है।

इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए शांता कुमार ने एक ठोस सुझाव देते हुआ कहा कि तेज रफ्तार, शराब पीकर गाड़ी चलाने या नियम तोड़ने जैसा पहले अपराध पर 25,000 रुपए का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसैंस रद्द किया जाना चाहिए। यही अपराध दोबारा करने पर 50,000 रुपए का जुर्माना और 6महीने के लिए लाइसैंस रद्द करने की सजा होनी चाहिए।

शांता कुमार ने विश्वास जताया कि यदि कानून को इस तरह सख्त बनाया गया तो इन अपराधों में भारी कमी आएगी। इससे हर साल कम से कम एक लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है और जुर्माने से मिलने वाली राशि से सरकारी खजाने में भी करोड़ों रुपए की वृद्धि होगी। उन्होंने सरकार से इस विषय पर गंभीरता से विचार करने और लाखों लोगों का जीवन बचाने के लिए कानून बदलने की पहल करने का आग्रह किया।

 

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