( जसवीर सिंह हंस ) कहते है किसी प्रदेश के विकास में सडक़े सबसे बडी कड़ी होती है। वही हिमाचल प्रदेश में अन्य जिला की अपेक्षा विकास में पिछड़े जिला सिरमौर के लिए लोग आज भी सडक़ों व राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की नजर-ए-इनायत के लिए तरस रहे है। जिला सिरमौर की भाग्य रेखाएं को बनाने के लिए केंद्रीय परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 5 जून 2016 को सोलन में आयोजित एक जनसभा में जिला सिरमौर के सभी मेजर डिस्टिक रोड को नेशनल हाईवे बनाने की घोषणा की।
अढ़ाई वर्ष बीत जाने के बाद भी यह घोषणा केवल मात्र घोषणा ही रही। शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद वीरेंद्र कश्यप ने जिला सिरमौर के लिए घोषित 9 नेशनल हाईवे की डीपीआर तक नहीं बनवा पाए। केंद्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा की गई 9 नेशनल हाईवे की घोषणा में से अब तक केवल दो मार्गों के लिए कंसलटैट नियुक्त हुए। जिस में नैरीपुल-सनौरा-राजगढ़-बनेठी व सनौर-राजगढ़-नौहराधार-हरिपुरधार मार्ग शामिल है।
जिला के पांच विस क्षेत्रों में गुजरते है 3 एनएच : जिला सिरमौर के 5 विधानसभा क्षेत्रों में से श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र है। जहां आजादी के 70 वर्षों बाद भी कोई नेशनल हाईवे नहीं पहुंचा है। शेष 4 विस क्षेत्रों से कुछ किलोमीटर का हिस्सा एनएच का गुजरता है। बता दें कि जिला सिरमौर के लिए केंद्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा जो घोषणा की है। उसके अनुसार श्रीरेणुकाजी विस क्षेत्र का हरिपुरधार कस्बे में 4 नेशनल हाईवे का जंक्शन बनेगा।
हरिपुरधार कस्बे को श्रीरेणुकाजी-संगड़ाह-हरिपुरधार, चौपाल-कुवपी-हरिपुरधार, राजगढ़-नौहराधार-हरिपुरधार व जामली-रोनहाट-हरिपुरधार नेशनल हाईवे आपस में जोड़ेंगे। वर्ष 2016 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। तो भाजपा पच्छाद भाजपा विधायक सुरेश कश्यप, नाहन के विधायक डॉ. राजीव बिंदल व शिलाई के विधायक बलदेव तोमर ने जिला सिरमौर के लिए घोषित इन 9 नेशनल हाईवे का प्रत्येक जनसभा व सोशल मीडिया पर दिनरात विधानसभा का चुनाव जितने के लिए जमकर प्रचार-प्रसार किया। मगर अब जब प्रदेश में भाजपा की सरकार को बने 1 वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अब भाजपा विधायकों ने इन नेशनल हाईवे को पूर्ण रूप देने के लिए चुप्पी साध ली है। आलम यह है कि अढाई वर्ष पुर्व घोषित नेशनल हाईवे का मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया है।
सिरमौर जिला में बदतर है एमडीआर व संर्पक मार्गों की स्थिती : देश के विकास में पिछड़े 40 जिला में शुमार जिला सिरमौर में सडक़ों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। एमडीआर व संर्पक मार्गों की स्थिती इतनी खराख हो चुकी है कि पता ही नहीं चलता है कि सडक़ में गड्डे है या गड्डों में सडक़। जिला की इन खस्ताहाल सडक़ों के चलते सैकडों लोग प्रति वर्ष हादसों का शिकार हो रहे है। पिछले एक दशक में श्रीरेणुकाजी विस क्षेत्र में ही कई सैकडों लोग इन खस्ताहाल सडक़ों के कारण मौत का ग्रास बन चुके है।
खस्ताहाल सडक़ों के चलते जिला सिरमौर में पिछले छ: वर्षों में हुये बडे सडक़ हादसे : 07 जून 2013 को संगड़ाह के भराड़ी के समीप निजी बस दुर्घटनाग्रस्त 20 की मौत, 27 सितंबर 2013 को श्रीरेणुकाजी के समीप निजी बस खाई में गिरी 21 की मौत, 07 अप्रैल 2014 को टिंबी के समीप निजी बस खाई में गिरी 21 मरे 44 घायल, 16 जून 2014 को श्रीरेणुकाजी के बिरला के नजदीक पर्यटकों की बस खाई में गिरी 18 की मौत, 24 नवंबर 2014 को सैंज में बस खाई में गिरी सात मरे, 29 अप्रैल 2015 को शिलाई के टटियाना में निजी बस दुर्घटनाग्रस्त पांच की मौत – 38 घायल, 26 फरवरी 2016 को हाब्बन-चंबीधार मार्ग पर निजी बस खाई में गिरी सात की मौत -17 घायल, 13 मई 2018 को राजगढ़ के नेईनेटी में निजी बस दुर्घटनाग्रस्त 8 की मौत – 12 घायल, 25 नवंबर 2018 को श्रीरेणुकाजी के जलाल पुल से निजी बस नदी में गिरी 10 मरे – 52 घायल, 05 जनवरी 2019 को श्रीरेणुकाजी के समीप खडक़ौली में निजी स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त 8 की मौत – 10 घायल शमिल है।
जिला सिरमौर के लिए घोषित एनएच : छैला-सैंज-औच्छघाट-सराहां-ल्वासाचौकी-कौलावालाभुड़-नारायणगढ़-मई 2016 में, नेरीपुल-सनौरा-राजगढ़-बनेठी-मई 2016 में, कफोटा-जाखना-जोंग-त्यूनी-हरिपुर-5 जुन 2016, हरिपुरधार-संगड़ाह-श्रीरेणुकाजी एनएच मार्ग – 5 जुन 2016, हरिपुरधार-कुपवी-तराहन-सराहन-चौपाल मार्ग – 5 जुन 2016, सनौरा-यशवंतनगर-गौड़ा-डुबलू-जुन्गा-मेहली मार्ग – 5 जुन 2016, सनौरा-राजगढ़-नौहराधार-हरिपुरधार-रोनहाट-जामली मार्ग – 5 जुन 2016, सतौन-श्रीरेणुकाजी-ददाहू-जमटा-दो सडक़ा मार्ग – 5 जुन 2016, ल्वासा चौकी-ढग़यार-टिक्करी कुठार-पिंजौर मार्ग – 31 अगस्त 2017 शमिल है।