लंबे समय बाद साफ स्वच्छ छवि के अधिकारी की तैनाती जिला सिरमौर को नसीब हुई है। अब सिरमौर की कप्तानी निश्चिंत सिंह नेगी को सौंपी गई है।
बता दे के एसपी सिरमौर निश्चिंत सिंह नेगी हिमाचल प्रदेश पुलिस सर्विसेज 2007 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। इससे पहले वह पांवटा साहिब में एसडीपीओ के पद पर तैनात रहकर कार्य कर चुके हैं। बता दे कि उन्हें हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिकारियों में काफी साफ स्वच्छ छवि का माना जाता है। आज भी वह बिना किसी दाग के अपनी सेवाएं हिमाचल प्रदेश पुलिस में दे रहे हैं। विशेष तौर पर नशे के खिलाफ मूहीम आगे बढ़ाने में जिला सिरमौर को काफी मदद मिल सकती है।
विवादित एसपी/dig ट्रांसफर…
वहीं इससे पहले एसपी सिरमौर भ्रष्टाचार और गलत धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज करने के आरोपों से घिरे रहे । फिलहाल उक्त एसपी का ट्रांसफर हो गई है।
यह लगे थे गंभीर आरोप…
बता दे की लगभग 7 महीने पहले पुलिस इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर जसवीर सिंह ने वीडियो वायरल कर एसपी सिरमौर पर गलत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने के गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही उनके साथ बदसलू की बिक गई थी जिससे आहत होकर उन्होंने एक वीडियो वायरल किया था। लेकिन पुलिस के उच्च अधिकारियों ने अपने चहते एसपी को बचाने के लिए उस वक्त भी इस पूरे मामले को रफा दफा कर दिया था।
एक साल पहले एसपी सिरमौर और उसके साले पर लगे अवैध खनन करने के आरोप…
बता दे कि पांवटा साहिब के भंगानी के ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाते हुए मीडिया को बताया था कि एसपी सिरमौर मैं अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हुए अपने साले की हिस्सेदारी स्थानीय एक क्रेशर में डलवाई थी। जिसके बाद एसपी का साला अपने डंपर और जेसीबी लगाकर रात के समय लोगों की लीज की जमीनों से अवैध खनन करने लगा। बार-बार ग्रामीणों की शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा नहीं की गई। उस वक्त भंगानी पंचायत में बाकायदा इस पूरे एपीसोड को लेकर प्रस्ताव भी डाले गए थे।
इसके अलावा एसपी पर भ्रष्टाचार के तहत एक क्रेशर से लाखों रुपए अपने प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर करवाने और महंगी थार गाड़ी खरीदने जैसे गंभीर आरोप भी लग रहे हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करते हुए एसपी सिरमौर द्वारा पुलिस थाना पांवटा साहिब में उद्योगपति और उनके दलाल के साथ मिलकर गलत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करवाने को लेकर ह्यूमन राइट्स में मामला दर्ज करवाया गया है।इतने विवाद और भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार ने उन्हें एसपी से डीआईजी बनाया और अब प्रदेश के खर्चे पर संभवत वह दिल्ली में अपनी सेवाएं देंगे।