हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के सभी वर्गों का समग्र एवं संतुलित विकास सुनिश्चित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मु यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने प्रथम बजट में 30 ऐसी नवीन योजनाएं प्रस्तुत की हैं जो समाज के सभी वर्गों का एक समान कल्याण सुनिश्चित कर रही हैं। राज्य सरकार ने संतुलित विकास के उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए विभिन्न निगमों की स्थापना की है। ये निगम अपनी योजनाओं एवं अनुदान के माध्यम से प्रदेश के सभी लोगों को लाभ पहुंचा रहे हैं।
ऐसा ही एक निगम है सोलन स्थित प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम। इस निगम की स्थापना 14 नवंबर 1979 को तत्कालीन मु यमंत्री शांता कुमार के कार्यकाल में की गई थी। यह निगम राज्य के पात्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों के आर्थिक उन्नयन के लिए अनेक सामाजिक योजनाएं कार्यान्वित कर रहा है। योजनाओं के माध्यम से इन वर्गों के परिवारों को अपना व्यवसाय स्थापित करने, बढ़ाने तथा अन्य रोजग़ार आरंभ करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। यह सहायता अन्य को स्वरोजगार प्रदान करने में भी सहायक बन रही है।
निगम ने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण सहायता प्राप्त करने के लिए निर्धारित आय सीमा को 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 35 हजार रुपये कर दिया है। इस निर्णय से अनेक लोग लाभान्वित हो रहे हैं।निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही स्वरोजगार योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के ऐसे परिवारों को जिनकी वार्षिक आय 35 हजार रुपये तक हो को स्वरोजग़ार आरंभ करने अथवा स्थापित व्यवसाय का विस्तार करने के लिये बैकों के माध्यम से अधिकतम 50 हजार रुपये तक की परियोजना के लिए ऋण सहायता प्रदान की जाती है। निगम परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 10 हजार रूपये पूंजी अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाता है।
लघु ऋण योजना के अंतर्गत निगम अनुसूचित जाति के परिवारों को लघु व्यापार के लिए 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 50 हजार रुपये तक का ऋण उपलब्ध करवाता है। 10 हजार रुपये प्रति परिवार पूंजी अनुदान के रुप में प्रदान किया जाता है। शेष राशि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है।दलित वर्ग व्यवसायिक प्रशिक्षण योजना के तहत निगम 18 से 35 वर्ष तक की आयु वाले प्रशिक्षणार्थियों को अपने जि़ले में विभिन्न व्यवसायों में पांच सौ रुपये प्रति माह की छात्रवृति तथा अपने जि़ले से बाहर 750 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृति के साथ रोजग़ार मूलक प्रशिक्षण नि:शुल्क उपलब्ध करवाता है।
निगम द्वारा आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रही रही महिलाओं को 50 हजार रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाती है। इस राशि में से 10 हजार रुपये प्रति परिवार पूंजी अनुदान के रूप में एवं शेष राशि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है। शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत उच्चतर शिक्षा एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लिए ऐसे छात्रों को 75 हजार रुपये तक का शिक्षा ऋण प्रदान किया जाता है जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है।
निगम एक अन्य शिक्षा ऋण योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों को 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 10 लाख रुपये तथा अनुसूचित जनजाति के छात्रों को 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 5 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध करवाता है।लघु विक्रय केन्द्र निर्माण के लिए ऋण योजना के तहत निगम स्थानीय निकायों को 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर प्रति लघु विक्रय केन्द्र निर्माण के लिए 50 हजार से 60 हजार रुपये तक का ऋण प्रदान करता है। इस प्रकार से निर्मित लघु विक्रय केंद्र पात्र वर्गों को सस्ती दरों पर आबंटित किए जाते हैं।
निगम परंपरागत शिल्पियों को उनकी कार्यशील पूंजी की मांग को पूरा करने के लिये 5 हजार रुपये प्रति कारीगर की दर से बिना किसी ब्याज के ऋण प्रदान करता है। यह ऋण हस्तशिल्प विकास योजना के तहत दिया जाता है। निगम व्यक्तिगत तौर पर भी 15 हजार रुपये तक का ऋण मात्र 2 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर उपलब्ध करवाता है।निगम सफाई कर्मचारी वर्ग के परिवारों को उच्च लागत की योजनाओं के लिए 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 5 लाख रूपये तक का ऋण राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम की सहायता से उपलब्ध करवाता है।
निगम की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सहायता प्राप्त करने के लिए लाभार्थी हिमाचल प्रदेश का निवासी होना चाहिए। वह हिमाचल प्रदेश की किसी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित होना चाहिए तथा उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक व 55 वर्ष से कम होनी चाहिए। लाभार्थी किसी बैंक अथवा अन्य ऋण प्रदान करने वाली संस्था का ऋण दोषी नहीं होना चाहिए।इस संबंध में अधिक जानकारी निगम के अपने समीप के जिला प्रबन्धक अथवा सहायक प्रबन्धक विकास कार्यालय अथवा निगम के सोलन स्थित मु यालय से दूरभाष सं या 01792-220671, 220058 अथवा 222045 से प्राप्त की जा सकती है। निगम की ये योजनाएं पात्र वर्गों को संबल प्रदान कर उनकी आर्थिकी को मज़बूत करने का श्रेष्ठ साधन सिद्ध हो रही हैं।