हिमाचल कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे का आज जन्मदिवस

हिमाचल कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे का आज जन्मदिवस है। इस अवसर पर उन्हें हिमाचल प्रदेश से पार्टी नेताओं ने फोन पर बधाई दी। शिंदे इस वक्त महाराष्ट्र के शोलापुर में हैं,वह आठ सितंबर से हिमाचल प्रवास पर आ रहे हैं। इस मर्तबा वह चंबा से अपना प्रवास शुरू करेंगे। शिंदे इससे पहले कांगड़ा,मंडी व कुल्लू का प्रवास कर चुके हैं। शिंदे को बीते दिनों ही अंबिका सोनी की जगह प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी लगाया गया था। चुनाव के एन वक्त पर उनकी वरिष्ठता व अनुभव को ध्यान में रखते हुए ही पार्टी हाईकमान ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी। शिंदे इससे पहले भी एक मर्तबा हिमाचल में पार्टी के प्रभारी रह चुके हैं। उस वक्त भी हिमाचल में वीरभद्र सिंह के नेतत्व में सरकार का गठन हुआ था।  कांग्रेस नेता  व  हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चैयरमेन कुलदीप सिंह पठानिया ने  उनको जन्मदिन की बधाई दी है

You may also likePosts

महाराष्ट्र के सोलापुर में वर्ष 1941 में एक दलित परिवार में जन्में शिंदे के पास आर्ट्स की ऑनर्स डिग्री और कॉनून की डिग्री है। वर्ष 1965 तक वे सोलापुर की अदालत में वकालत करते रहे फिर पुलिस में भर्ती हो गए। पांच साल तक पुलिस की नौकरी करने के बाद राजनीति में आ गए। पांच बार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य चुने गए और राज्यमंत्री से लेकर वित्तमंत्री और मुख्यमंत्री तक हर पद पर रहे। एक बार महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1992 में उन्हें पार्टी ने राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया, यहां उन्हें सोनिया गांधी के नज़दीक जाने का मौक़ा मिला और इसी की वजह से 1999 में उन्हें अमेठी में सोनिया गांधी का प्रचार संभालने का मौक़ा मिला। वर्ष1999 में वे लोकसभा के लिए चुने गए फिर सोनिया गांधी के निर्देश पर वर्ष 2002 में उन्होंने एनडीए के उम्मीदवार भैरोसिंह शेखावत के ख़िलाफ़ उपराष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा । 2006 में वह एक बार फिर राज्यसभा के सदस्य बने और फिर ऊर्जा मंत्री बने 2009 में चुनाव में दूसरी बार ऊर्जा मंत्री बनाए गए और 31 जुलाई, 2012 को गृहमंत्री के रूप में देश की सेवा की। आज उनके जन्म दिवस पर  महाराष्ट्र के सोलापुर में वर्ष 1941 में एक दलित परिवार में जन्में शिंदे के पास आर्ट्स की ऑनर्स डिग्री और कॉनून की डिग्री है। वर्ष 1965 तक वे सोलापुर की अदालत में वकालत करते रहे फिर पुलिस में भर्ती हो गए। पांच साल तक पुलिस की नौकरी करने के बाद राजनीति में आ गए। पांच बार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य चुने गए और राज्यमंत्री से लेकर वित्तमंत्री और मुख्यमंत्री तक हर पद पर रहे। एक बार महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1992 में उन्हें पार्टी ने राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया, यहां उन्हें सोनिया गांधी के नज़दीक जाने का मौक़ा मिला और इसी की वजह से 1999 में उन्हें अमेठी में सोनिया गांधी का प्रचार संभालने का मौक़ा मिला। वर्ष1999 में वे लोकसभा के लिए चुने गए फिर सोनिया गांधी के निर्देश पर वर्ष 2002 में उन्होंने एनडीए के उम्मीदवार भैरोसिंह शेखावत के ख़िलाफ़ उपराष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा । 2006 में वह एक बार फिर राज्यसभा के सदस्य बने और फिर ऊर्जा मंत्री बने 2009 में चुनाव में दूसरी बार ऊर्जा मंत्री बनाए गए और 31 जुलाई, 2012 को गृहमंत्री के रूप में देश की सेवा की। आज उनके महाराष्ट्र के सोलापुर में वर्ष 1941 में एक दलित परिवार में जन्में शिंदे के पास आर्ट्स की ऑनर्स डिग्री और कॉनून की डिग्री है। वर्ष 1965 तक वे सोलापुर की अदालत में वकालत करते रहे फिर पुलिस में भर्ती हो गए। पांच साल तक पुलिस की नौकरी करने के बाद राजनीति में आ गए। पांच बार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य चुने गए और राज्यमंत्री से लेकर वित्तमंत्री और मुख्यमंत्री तक हर पद पर रहे। एक बार महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1992 में उन्हें पार्टी ने राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया, यहां उन्हें सोनिया गांधी के नज़दीक जाने का मौक़ा मिला और इसी की वजह से 1999 में उन्हें अमेठी में सोनिया गांधी का प्रचार संभालने का मौक़ा मिला। वर्ष1999 में वे लोकसभा के लिए चुने गए फिर सोनिया गांधी के निर्देश पर वर्ष 2002 में उन्होंने एनडीए के उम्मीदवार भैरोसिंह शेखावत के ख़िलाफ़ उपराष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा । 2006 में वह एक बार फिर राज्यसभा के सदस्य बने और फिर ऊर्जा मंत्री बने 2009 में चुनाव में दूसरी बार ऊर्जा मंत्री बनाए गए और 31 जुलाई, 2012 को गृहमंत्री के रूप में देश की सेवा की।

 

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!