बिलासपुर: गत एक सप्ताह पहले बिलासपुर के रौड़ा सेक्टर में एक युवती द्वारा फंदा लगाने के मामले की पुलिस विभाग द्वारा जांच न करने पर युवती के परिजन भड़क उठे हैं। हमीरपुर से आए मृतका के परिजनों समेत दर्जनों गांव वालों ने जिला उपायुक्त कार्यालय बिलासपुर के बाहर धरना-प्रदर्शन किया, तो वहीं उन्होंने पुलिस विभाग के खिलाफ नारे लगाकर इस मामले की गहनता से जांच करने के लिए भी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर से गुहार लगाई है। परिजनों के साथ हमीरपुर के आए कालेज विद्यार्थियों ने भी जमकर प्रदर्शन किया।
मृतका के पिता राम चंद ठाकुर का कहना है कि उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं, बल्कि उसकी हत्या की गई है, जिसको लेकर पुलिस विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। मृतका के पिता ने आरोप लगाया है कि एक सप्ताह हो गया है, परंतु पुलिस विभाग द्वारा यहां कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस दौरान अगर पुलिस कर्मचारियों से इस मामले को लेकर जब पूछा जाता है तो पुलिस विभाग द्वारा उनको बहला फुसलाकर मामले की जांच हो रही कहकर बात को खत्म कर देते हैं।
मृतका के पिता का यह भी आरोप है कि देर रात को उनकी बेटी का पोस्टमार्टम क्यों किया गया है, जबकि रात के समय स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी छुट्टी पर थे, फिर किसके बुलाने पर विभाग ने कर्मचारियों को रात को बुलाया। इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि उस रात शव गृह में दो डेड बॉडी थी तो उनकी बेटी का ही क्यों उस रात को पोस्टमार्टम किया गया, जबकि दूसरे शव को अगले दिन पोस्टमार्टम किया गया। परिवारजन पुलिस अधीक्षक अंजुम आरा से भी मिले और उन्होंने पुलिस विभाग द्वारा कोइ कारवाई नहीं करने का शिकायत भी की। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इस मामले की एसआईटी द्वारा जांच की जाए, ताकि उनकी बेटी की हत्या के मुजरिम को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। इस मौके पर हमीरपुर पूर्व विधायक उर्मिला ठाकुर, हमीरपुर कालेज के दर्जनों विद्यार्थी व परिजन मौजदू थे।
वहीँ बिलासपुर जिला के उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि परिजनों को यदि ऐसा लगता ही कि उनकी बेटी की हत्या हुई है तो जांच की जायेगी। बिलासपुर की पुलिस कप्तान अंजुम आरा का कहना है कि परिजनों की मांग पर एसआईटी की टीम का गठन कर उनको यह मामला सौंप दिया गया है। टीम जांच में जुटी हुई है।
एएसपी की टिप्पणी पर बिफरे परिजन
पुलिस अधीक्षक कक्ष में परिजनों द्वारा अपनी शिकायत पर वहां पर मौजूद एएसपी कुलदीप राणा द्वारा कुछ गलत बयानबाजी पर परिजन और एएसपी के बीच झड़प हो गई। इसमें परिजनों ने पुलिस अधीक्षक के सामने ही एएसपी को करारे जवाब से उनको चुप कर दिया। परिजनों ने बताया कि एएसपी द्वारा इन मामले को लेकर कुछ गलत टिप्पणी की गई थी, इस दौरान परिजन एएसपी पर भड़क उठे।