डॉ अनिल शर्मा बने पर्यावरण एवं जल संरक्षण के महागुरु, राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर पा चूके हैं 6 पुरस्कार
शर्मा आरडी- डाक्टरेट (पीएचडी) की पढ़ाई करने के बावजूद देश के दूसरे सबसे ज्यादा पिछड़े सिरमौर जिला में पर्यावरण एवं जल संरक्षण से ग्रामीण एवं सामाजिक विकास में जुटे ‘साथी’ के निदेशक डॉ अनिल शर्मा को राज्य सरकार ने पर्यावरण लीडरशिप अवार्ड 2017 से नवाजा। शनिवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उन्हें प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया। सैंकड़ों पर्यावरण प्रेमियों की मौजूदगी में उन्हें पीटरहॉफ के दरबार हॉल में यह पुरस्कार प्रदान किया गया। सरकार ने उन्हें हिमाचली टोपी व शॉल पहनकर जबकि पुरस्कार के तौर पर ‘साथी’ को नकद 50 हजार, प्रशस्तिपत्र व मोमेंटो भेंट किया। साथी को प्रथम पुरस्कार मिलने से क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
अनिल शर्मा चाहते तो एक अच्छी नौकरी कर भी देश सेवा में हाथ बढ़ा सकते थे लेकिन उन्होंने समाज सेवा करने का निर्णय लिया। कुछ समय तक एनजीओ से जुड़कर इसका अनुभव लिया और फिर पहली दिसंबर 1992 को ‘साथी’ संस्था का गठन किया। संस्था की गतिविधियों को चलाने के लिए इन्होंने जिला, उपमंडल या फिर तहसील मुख्यालय का चुनाव न करके पच्छाद के पिछड़े घिन्नीघाड़ को अपनी कर्मभूमि बनाया। ‘साथी’ का मुख्यालय ठाकुरद्वारा में है। जहां से यह अपनी टीम के साथ सारी गतिविधियां चलाते हैं।
डॉ अनिल शर्मा को मिला यह पहला और आखिरी अवार्ड नहीं है। अपनी लग्न व मेहनत का लोहा मनवा चूके डॉ अनिल शर्मा राज्य सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार के अवार्ड भी प्राप्त कर चूके हैं। 2008 में जल संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भूमि जल संवर्धन पुरस्कार, 2014 में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार से इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार प्राप्त है। जबकि वर्ष 2015 में ABVP न्यूज ने उन्हें ग्रामीण विकास में उत्कृष्ट कार्य के लिये सम्मानित किया।
संस्था के गठन के बाद वर्ष 2008 में राज्य सरकार से प्राप्त पहले प्रेरणा स्त्रोत पुरस्कार से शुरू पुरस्कारों का यह सिलसिला लगातार जारी है। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में डॉ अनिल शर्मा को स्टेट इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित किया। ‘साथी’ के अलावा चितकारा यूनिवर्सिटी, वाइल्ड फ्लावर हॉल ओर टीवीएस मोटर्स के अलावा पर्यावण संरक्षण समिति, इटरनल यूनिवर्सिटी बड़ूसाहिब, होटल पाइनवुड, इलाइन एफलीेंस, प्रो पीके आहलूवालिया, आईजीएमसी, एमएमयू, पोर्टमोर व कंगार स्कूल, एमसी सुंदर नगर व मझगांव पंचायत को भी पुरस्कृत किया गया। सांत्वना पुरस्कार के तौर पर पर्यावरण समिति नाहन, जवाहर लाल सोलन, टोगचन्द ठाकुर, जय चन्द, फागली व कडेड स्कूल को सम्मानित किया गया।
सिरमौर के10वीं के छात्र जयचन्द को पर्यावरण से अलग सा लगाव है वह पिछले 5 सालों से अपने स्तर पर हर साल 50 पौधे लगाता है और अब अन्य लोगों को भी अपनी इस मुहिम में जोड़ रहा है।