सिरमौर में भारी वर्षा से हुआ 23 करोड़ का नुकसान-सरकार ने जारी किए चार करोड़ |

(जसवीर सिंह हंस ) नाहन -भारी वर्षा, बाढ़ और भू-स्खलन के कारण सिरमौर जिला में अब तक 23 करोड़ का नुकसान आंका  गया है तथा सरकार द्वारा प्रथम किश्त के रूप में चार करोड़ की राशि जिला  प्रशासन को राहत और पुनर्वास कार्य के लिए जारी की गई है ।यह जानकारी राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री जीआर मुसाफिर ने आज यहां उपायुक्त कार्यालय में अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी । उन्होने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि भारी वर्षा के कारण  निजी एवं सार्वजनिक सम्पति को हुए  नुकसान की प्रतिदिन रिर्पोट सरकार को भेजी जाए और प्रभावित परिवारों को सरकारी मापदण्डों के अनुरूप राहत अविलंब  प्रदान की जाए ।

मुसाफिर ने जानकारी दी कि भारी वर्षा के कारण सर्वाधिक 12 करोड़ 26 लाख का नुकसान पेयजल एवं सिंचाई का हुआ है तथा 247 योजनाऐं प्रभावित हुई है। उन्होने कहा कि विभाग द्वारा जिला में युद्धस्तर पर विशेष तौर पर पेयजल योजनाओं की मुरम्मत करके जलापूर्ति को सामान्य बनाया गया है । उन्होने  बताया कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग का लगभग छः करोड़ और अन्य सड़कों का अढाई करोड़ नुकसान हुआ है । जबकि बागवानी का 175 लाख और कृषि का 35 लाख और विद्युत लाईनों का 40 लाख का नुकसान हुआ है । उन्होने कहा कि भारी वर्षा व बाढ़ के कारण किसी मानव जीवन को कोई नुकसान नहीें हुआ है । उन्होने कहा कि भारी वर्षा से जिला में आठ घरो को नुकसान होने के अतिरिक्त दो मवेशियों की जान गई है ।उपायुक्त ने उपाध्यक्ष को अवगत करवाया कि जिला की सभी सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए खुली है । उन्होने लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली व तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि विभाग द्धारा जिला में भारी वर्षा व भू-स्खलन से बंद हुई सड़कों को समयबद्ध खोलने में अहम भूमिका निभाई है । उन्होने कहा कि विभाग द्वारा भू-स्खलन वाले स्थलों पर जेसीबी और मजदूरों को तैनात किया गया है ताकि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सामान्य बनी रहे ।

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उन्होने कहा कि भारी वर्षा के कारण विद्युत लाईनों को काफी नुकसान हुआ है परन्तु विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों द्वारा विद्युत आपूर्ति को बहाल किया गया है । उन्होने कहा कि जिला मुख्यालय पर टॉल-फ्री न0 1077 स्थापित किया गया है जोकि 24 घण्टे कार्य कर रहा है जिस पर कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की आपदा की  सूचना दे सकता है । इसके अतिरिक्त जिला के सभी एसडीएम व तहसील कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए है ।  उपायुक्त ने बताया कि  पांवटा के यमुना तथा  गिरि नदी के करगानू गौड़ा और ददाहू में प्रमुख स्नान स्थलों पर आवश्यक साइन बोर्ड स्थापित किए गए है  ताकि बाढ़ के दौरान कोई अनहोनी घटना पेश न आए। उन्होने एसडीएम को विशेषकर बरसात के दौरान गोताखोरों को भी अनुबंधित करने के भी निर्देश दिए गए है । बैठक में एडीसी हरबंस ब्रस्कॉन, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण नरेश वशिष्ठ, अधीक्षण अभियंता आईपीएच एसके धीमान के अलावा विद्युत बोर्ड व अन्य विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया ।

 

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