(शशि राणा) देवभूमि हिमाचल प्रदेश अपनी शैली व् संस्कृति के लिए भारत में ही नहीं, अपितु दुनिया में ही एक अलग पहचान रखता है। प्रदेश के सभी जिलों की अपनी भिन्न- भिन्न शैली व् संस्कृति है।काँगड़ा जिले में रक्षाबंधन के दिन से ही एक विशेष मण्डली गुगा जाहरपीर और बाबा भरथरी की महिमा का गुणगान करती है। मंडली लोगों के घर- घर जाकर गुगा जाहरपीर और बाबा भरथरी की महिमा का गुणगान सुनाते हैं। ये मण्डली राम नवमी तक ऐसे ही घर-घर जाकर भगवान् की बंदना करती है।
काँगड़ा जिले की रक्कड़ तहसील के सिद्ध पूनणी में ऐसी ही एक मण्डली लोगों के घर द्वार जाकर बाबा भरथरी का गुणगान करने के लिए रक्षाबंधन के दिन से ही अग्रसर हुयी।मंडली में रशपाल उर्फ़ किकी, रामलाल,गोरख राम, प्रवीण, सुग्रीव,रमेश चंद,केसर चंद,मदन लाल और मनकोटिया परिवार कुलंज के सदस्य शामिल हैं, जो की काफी अर्से से चली आ रही प्राचीन परंपरा को निभा रहे हैं। लगभग सन 1984 से सिद्ध पुनणी बाबा भरथरी की ये मण्डली लोगों के घर द्वार जाकर भगवान् की स्तुति कर रहे हैं।