भयंकर तुफान से करोड़ों का नुकसान कई घरों व सरकारी भवनों की छते उड़ी

( हरिकृष्ण शर्मा ) जिला कुल्लू के उपमंडल आनी में आंधी-तुफान(अंधड़) ने भयंकर तबाही मचाई है। गुरूवार सांय भयंकर तेज हवाओं ने आनी-निरमंड में हड़कंप का माहौल पैदा कर दिया। लोगों ने तुफान से बचने के लिए घरों, दूकानों व कार्यालयों का सहारा लिया।

लेकिन तुफान इतना तेज था कि कई घरों व सरकारी भवनों की छतें ही उड़ गई हैं। समाचार लिखे जाने तक सिर्फ यह पता चल पाया था कि क्षेत्र में हर जगह नुकसान हुआ है। हालांकि अभी तक जानी नुकसान का कोई समाचार नहीं आया है लेकिन माली नुकसान भारी मात्रा में हुआ है।

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उधर, पूरा बाहरी सराज क्षेत्र पूरी तरह से ब्लैकऑउट हो गया है। बिजली गुल है और क्षेत्र अंधेरे में डूब गया है। तुफान ने बाहरी सराज की सेब की फसल को भी पूरी तरह से तबाह कर दिया है। इस समय सेब के बागानों में फ्लावरिंग का दौर शुरू था और लोग परागण की प्रक्रिया में जुटे हुए थे ताकि सेब की अच्छी फसल हो सके और सालभर की आर्थिकी स्थिति को सुदृढ़ किया जा सके लेकिन, आनी क्षेत्र में कूदरत का ऐसा कहर बरपा कि पलभर में क्षेत्र की आर्थिकी स्वाह हो गई हैं। सूचना के अनुसार सेब, नाशपती जिसमें फ्लावरिंग यौवन पर थी भारी अंधड़ से पूरी तरह से तितर-बितर हो गई है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि भयंकर तुफान ने सेब के फूलों को इस तरह उड़ाया कि पता ही नहीं चल रहा है कि फूल कहां गए और सेब के पेड़ की टहनियां नंगी हो गई है। कई स्थानों से सूचना यह भी है कि बड़े-बड़े पेड़ भी उखड़कर धराशाही हो गए हैं। उधर, माना जा रहा है कि इस भयंकर तुफान ने प्रदेश की वन संपदा को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। उधर, सूचना के अनुसार प्राईमरी स्कूल दलाश की छत उड़ चुकी हैं और इसी तरह कई भवनों की छतों के उडऩे की आशंका जाहिर की जा रही है।

आनी उपमंडल मुख्यालय में ही एक पेड़ ने मकान को क्षतिग्रस्त किया है। गुरूवार को आए इस तुफान ने आनी क्षेत्र की जनता में जहां हड़कंप का माहौल मचाया है वहीं, लोग सहमें हुए है और घरों में दुबक कर बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर रहे हैं। अपने घरों में दुबक कर भी लोगों को भय सता रहा है कि कहीं उनका आशियाना ही काल बनकर न आए। उधर, उपायुक्त कुल्लू युनूस ने बताया कि आनी से ऐसे समाचार आ रहे हैं लेकिन अभी तक नुकसान का पूरा पता नहीं चल पाया है। उपायुक्त ने कहा कि एसडीएम आनी को आदेश दे दिए गए हैं कि शीघ्र तुफान से हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार करके जिला मुख्यालय को भेजी जाए।

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