हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से हिंदी में पीएचडी कर रही विकलांग छात्रा डॉली राणा ने राज्य लोकसेवा आयोग की पीजीटी के परीक्षा में जनरल कोटे से सर्वप्रथम स्थान प्राप्त किया है। वह प्रारम्भ से ही मेधावी विद्यार्थी रही हैं और उन्होंने यूजीसी नेट-जेआरएफ के अलावा प्रदेश का स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सैट) भी पास किया था।
जानकारी के अनुसार इस बार हिदी विषय के पीजीटी के 40 पदों में विकलांगजनों के लिए आरक्षण का प्रावधान ही नहीं था। इसके बावजूद डॉली राणा ने कामयाबी पाई। उन्होंने कहा कि उसने विकलांगता को कमज़ोरी समझने की बजाए एक चुनौती के तौर स्वीकार किया।उन्होंने कहा कि वह सभी कमज़ोर वर्गों के लिए प्रेरणा की स्रोत है।मंडी ज़िले की थुनाग तहसील के रहने वाली डॉली राज्य की डिसेबल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन (डीएसए) की संचालन समिति की सदस्य भी है। उनका लक्ष्य पीएचडी पूरी करके प्रोफेसर बनना है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने पति दीपक राणा को दिया जिन्होंने विवाह के बाद उच्चस्तरीय शिक्षा के लिए न सिर्फ प्रेरित किया बल्कि हर प्रकार से सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि माता-पिता और शिक्षकों ने भी उन्हें हमेशा कुछ अच्छा करने की प्रेरणा दी।