( जसवीर सिंह हंस ) विकास खंड मशोबरा की ग्राम पंचायत मूल कोटी में आज विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश श्रीमती अपर्णा शर्मा ने की। श्रीमती अपर्णा शर्मा ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है और इसके चलते बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करना आवश्यक है। उन्होंने बच्चों के हित में उपलब्ध अधिकारों के बारे मंे विस्तृत जानकारी दी तथा अपराधों से बालकों केे संरक्षण अधिनियम की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत छह से 14 साल तक के बच्चों के लिए शिक्षा दिलवाना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक नागरिक जिसकी समस्त स्त्रोतों से आय प्रति वर्ष एक लाख रुपये हो, निःशुल्क विधिक सेवा के पात्र हैं। संबंधित विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष प्राधिकरण के सह-अध्यक्ष के अनुमोदन से किसी अन्य उपयुक्त मामले में भी मुफ्त विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग की अनुसूचित जातियों, जन जातियों, महिला और बच्चे भी मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी नागरिक सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक उपक्रम के विभिन्न संस्थानों सहित कई अन्य संस्थानों से विभिन्न प्रकार की जानकारी मात्र एक आवेदन कर प्राप्त कर सकता है। इस अधिनियम से न केवल प्रशासन में और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है, बल्कि जवाबदेही भी तय हो रही है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम लागू होने से हर नागरिक को सूचनाएं प्राप्त करने का अधिकार मिला है।
शिविर में अधिवक्ता श्री संजीव कुमार ने कहा कि न्यायालय द्वारा एक्सीडैंट में घायल व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती, इसलिए एक्सीडैंट होने से सड़क पर घायल व्यक्ति को तुरन्त उपचार के लिए निकटवर्ती अस्पताल में ले जाएं, ताकि उसके जीवन की रक्षा हो। उन्होंने मोटर वाहन एक्ट के बारे में भी जानकारी दी।
अधिवक्ता कुमारी साक्षी ठाकुर ने घरेलु हिंसा अधिनियम-2005, भरण-पोषण अधिनियम, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम सहित कई अन्य महत्वपूर्ण अधिनियमों की जानकारी दी।इस अवसर पर प्रधान ग्राम पंचायत मूल कोटी रूचिका वर्मा, पंचायत जन प्रतिनिधि, गणमान्य व स्थानीय लोेग उपस्थित थे।