( जसवीर सिंघ हंस ) पहले पुलिस थाना प्रभारी के फोन पर पत्रकार को थाने बुलाने के बाद थाने के बिल्कुल बाहर पत्रकार पर हमला होता है। जिसमें पुलिस यह कहती है कि थाने के बाहर हुए हमले की जिम्मेवारी थाना प्रभारी और पुलिस की नहीं है। फिर उसके बाद पत्रकार पर हुए हमले के नामजद आरोपी कुलबंत चौधरी को जिसके खिलाफ पत्रकार ने मामला दर्ज करवाया है उसे रोड़ सेफ्टी क्लब का मेंबर बनाया जाता है। जिस कुलबंत चौधरी को वीरवार को एसपी कार्यालय में हुई बैठक के बाद रोड़ सेफ्टी क्लब का मैंबर बनाया गया है वह 4 दिन पहले घटे घटनाक्रम का मुख्य आरोपी है। रोड़ सेफ्टी क्लब को लेकर हुई बैठक व एसपी के साथ मेंबर की गु्रप फोटो कई समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुई है।
वीरवार को एसपी कार्यालय बद्दी में रोड़ सेफ्टी क्लब के मैंबर बनाए गए। किस आधार पर यह मेंबर बनाए गए यह तो पुलिस ही बता सकती है। लेकिन एक आरोपी को कैसे रोड़ सेफ्टी क्लब का मेंबर बना दिया गया यह बड़ा सवाल उठ है। जिस आरोपी ने 4 दिन पहले पुलिस थाने के बाहर पुलिस की गरिमा और डर को ठेंगा दिखाते हुए पत्रकार पर अपने दर्जन भर गुंडों के साथ हमला बोला वह कैसे रोड़ सेफ्टी क्लब का मैंबर हो सकता है। जिसने थाने के बाहर हमला करने से पहले यह तक नहीं सोचा कि कानून और पुलिस भी कोई चीज है वह क्या रोड़ सेफ्टी क्लब में पुलिस का योगदान करेगा। पुलिस थाने के बाहर हमला वह ही कर सकता है जो पुलिस, कानून और न्याय व्यवस्था को ठोकर पर मारता हो। ऐसे किसी की हिम्मत नहीं होती कि कोई थाने के बाद लड़ाई झगड़ा करे।
ऐसे में वीरवार को एसपी कार्यालय बद्दी में बनाए गए रोड़ सेफ्टी क्लब के मेंबर में एक आरोपी का शामिल होना कई सवाल खड़े कर रहा है। एसएचओ बद्दी को तो भली भांति ज्ञात है कि कुलबंत चौधरी हमले का मुख्य आरोपी है जिसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने एक आरोपी को रोड़ सेफ्टी क्लब का मेंबर बना दिया।
यह बनाए गये रोड़ सेफ्टी क्लब के मैंबर
तरसेम लाल प्रधान पिकअप यूनियन, जगरूप सिंह प्रधान टै्रक्टर यूनियन, एसपी गुप्ता उद्यमी, रवि राणा व संजय बतरा समाजसेवी, तरसेम चौधरी (राज्यपाल को झूठी शिकायत करने वाली पार्षद का पति), तरसेम चौधरी पूर्र्व पार्षद एंव भाजपा प्रवक्ता, सुमित सिंगला एडवोकेट, कुलबंत चौधरी (आरोपी), महेश कौशल वीनो एनजीओ, गुरमीत सिंह (पति पार्षद), लोकेश दत्त समाजसेवी, आदित्य चड्डा, किरण चड्डा व मुकेश (पत्रकार)। अगर ऐसा है तो आरोपी का नाम रोड़ सेफ्टी क्लब की मेंबरशिप से हटाया जाएगा। इस संबंध में एसपी बद्दी को निर्देश दिए जाएंगे कि किसी भी विवादित व्यक्ति को रोड़ सेफ्टी क्लब का मेंबर न बनाएं – आसिफ जलाल, डीआईजी हिमाचल पुलिस।