हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु से भेंट कर उनसे हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंडी जिला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण का मामला प्रमुखता से उठाया। यह मुलाकात अत्यंत सफल रही और केंद्रीय मंत्री ने अपने विभाग के अधिकारियों को एक उच्च स्तरीय टीम जल्दी ही हिमाचल प्रदेश में भेज कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण के लिए, तकनीकी मापदंडों का पूरा ध्यान रखते हुए उपयुक्त स्थल चयनित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि हिमाचल प्रदेश घरेलू व विदेशी दोनों तरह के पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है और पर्यटन क्षेत्र का राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में अहम योगदान है। लेकिन राज्य में पर्यटकों की अधिकाधिक आमद सुनिश्चित करने और उनकी सुविधा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे की उपलब्धता न होने से राज्य अपनी संपूर्ण पर्यटन क्षमता का लाभ उठा पाने से वंचित हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को यह भी बताया कि वर्तमान में प्रदेश के शिमला, भूंतर व गग्गल में स्थित तीनों हवाई अड्डों का भूमि की अनुपलब्धता के कारण विस्तार नहीं हो पाया और यह तीनों हवाई अड्डे अत्याधुनिक तकनीक से भी वंचित है अन्यथा यहां बड़े विमान उतर सकते थे। इसके अलावा इन हवाई अड्डों पर उड़ानें भी अनियमित हैं व हवाई किराया भी अधिक है, जिस कारण पर्यटक इन उड़ानों का लाभ नहीं उठा पा रहे। मुख्यमंत्री ने शिमला, गग्गल व भुंतर के हवाई अड्डों के विस्तारीकरण के लिए समुचित कदम उठाने का आग्रह भी केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से किया ताकि प्रदेश में हवाई अड्डों का नेटवर्क सुदृढ़ हो सके।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य में विदेशी व घरेलू पर्यटकों के आवश्यकताओं को पूरी करने के लिए शिमला, कुल्लू-मनाली, लाहौल-स्पीति व कांगड़ा का प्रवेशद्वार माने जाने वाले मंडी जिला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण का मामला प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार ने मंडी जिला में इसके लिए 3 स्थल भी चिह्नित किए हैं, जिनमें बल्ह उपमंडल का नेर ढांगू, पधर उपमंडल में गोगराधार व गोहर उपमंडल में मोवीसेरी शामिल हैं। उन्होंने कहा इनमें से किसी भी स्थल पर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण किया जाता है तो प्रदेश सरकार इसके लिए भूमि भी मुहैया करवाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में मंडी व इसके आसपास के जिलों में 5226061 सैलानी आए जिनमें 157404 विदेशी सेलानी भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि मंडी जिला में मेडिकल कालेज, इंजीनियरिंग कालेजों व अन्य शैक्षणिक संस्थानों सहित आईआईटी खुलने से यहां पर बेहतर कनेक्टिविटी के लिए हवाई अड्डे के निर्माण की नितांत आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि चीन की सीमाएं हिमाचल प्रदेश के साथ सटी होने के कारण सामरिक दृष्टि से भी यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे का निर्माण किया जाना आवश्यक है।
नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को आश्वस्त किया कि उनके मंत्रालय द्वारा प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण की सभी संभावनाओं का निरीक्षण करके समुचित कदम उठाए जाएंगे ताकि इस पर्वतीय राज्य को उसकी संपूर्ण पर्यटन क्षमताओं का लाभ मिल सके और हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को नए पंख लग सकें। उन्होंने कहा जल्दी ही एक उच्च स्तरीय टीम हिमाचल प्रदेश भेजी जाएगी जो प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए स्थल चयनित करेगी।