उपायुक्त सोलन विनोद कुमार ने कहा कि प्रदूषण को न्यूनतम स्तर तक लाने तथा हिमाचल के पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए सभी को आपसी समन्वय के साथ मिलजुलकर कार्य करना होगा। उपायुक्त आज सोलन जिले के नालागढ़ में ‘‘वायु प्रदूषण रोकथाम वृक्षारोपण अभियान’’ (पोल्यूशन अबेटिंग प्लांटस अभियान-पापा) के अंतर्गत आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
विनोद कुमार ने कहा कि हिमाचल का शुद्ध पर्यावरण उत्तरी भारत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने तथा वृक्षारोपण के माध्यम से हरित हिमालय के सपने को साकार करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 28 मार्च, 2018 को ‘‘वायु प्रदूषण रोकथाम वृक्षारोपण अभियान’’ का शुभारंभ किया। अभियान के लिए मुख्य रूप से सोलन जिले के बद्दी, नालागढ़, परवाणू, कांगड़ा जिले के डमटाल, सिरमौर जिले के कालाअंब तथा पावंटा साहिब, मंडी जिले के सुंदरनगर तथा ऊना जिले के औद्योगिक क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधानों से यह स्पष्ट हुआ है कि प्रदेश के इन शहरों तथा कस्बों में विभिन्न कारणों से वायु प्रदूषण अधिक है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए ऐसे वृक्षों का रोपा जाना आवश्यक है जो वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी विभिन्न अवयवों को सोखने की क्षमता रखते हों। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके लिए 27 ऐसे पेड़ एवं पौधे चिन्हित किए हैं जिन्हें लगाकर वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है। 16 ऐसे पौधे भी चिन्हित किए गए हैं जो इंडोर लगाकर वायु प्रदूषण को सोख सकते हैं।
विनोद कुमार ने कहा कि आउटडोर लगाए जाने वाले पौधों में पीपल, बरगद, अर्जुन, बहेड़ा, जामुन, सिरिस, नीम, मुस्की कपूर, महानीम, करंज, बेल, कचनार, अमलतास, आंवला, सुहानजन, हारसिंगार, चाईना रोज़, जटरोपा, पीत कनेर, सफेद चमेली, रात की रानी, कपूर तुलसी, घृतकुमारी, स्पाईडर प्लांट, रोज़मेरी, कड़ी पत्ता तथा बसूटी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इंडोर लगाए जाने वाले पौधों में स्पाईडर प्लांट, गोल्डन पोथोस, पीस लिल्ली, चाईनीज़ सदाबहार, घृतकुमारी, गेरबेरा डेजी, गुलदाउदी, इंगलिश आइवी, स्नेक प्लांट, रेफिस पाम, ऐरेका पाम, रेड एज्ड ड्रेसेना, बांस पाम, वीपिंग फिग, डेरेमेन्सिस वार्नकी तथा चांदनी शामिल है।
उपायुक्त ने कहा कि पौधरोपण अभियान का प्रथम चरण विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून, 2018 को आरंभ किया जाएगा। प्रथम चरण में चिन्हित सभी स्थानों पर 50-50 हजार पौधे लगाए जाएंगे। अभियान का दूसरा चरण राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर प्रथम जुलाई, 2018 को आरंभ होगा। दूसरे चरण में इंडोर प्लांट लगाएं जाएंगे तथा आवश्यकतानुसार प्रथम चरण के पौधों को बदला जाएगा।
विनोद कुमार ने कहा कि सोलन जिले के बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ तथा परवाणू में अभियान कार्यान्वित किया जाएगा। उन्होंने विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों तथा पंचायत प्रधानों से आग्रह किया कि वे इस संबंध में 25 मई, 2018 तक उन पौधों की मांग उपमंडलाधिकारी नालागढ़ को प्रेषित करें जो अभियान के प्रथम चरण में लगाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जिले के इन सभी स्थानों पर 50-50 हजार पौधे लगाना एवं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित बनाना ही अभियान की सफलता होगी। प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. आरके प्रुथी ने अभियान के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से दी।
नगर परिषद नालागढ़ के अध्यक्ष मनोज वर्मा, नगर परिषद बद्दी के अध्यक्ष मदन लाल चौधरी, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केसी चमन, उपमंडलाधिकारी नालागढ़ प्रशांत देष्टा, सहायक आयुक्त परवाणू एसपी जसवाल, वन मंडलाधिकारी नालागढ़ जेएस शर्मा, खंड विकास अधिकारी नालागढ़ एचसी शर्मा, खंड चिकित्सा अधिकारी नालागढ़ केडी जस्सल, वर्धमान के अनुराग पूरी, यूनीपेच रबर लिमिटेड के बीएस ठाकुर, इंडेग रबर के अनिल शर्मा, अन्य औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।