( जसवीर सिंह हंस ) प्रधानमन्त्री कृषि सिचांई योजना वर्ष 2016-2017 से बिलासपुर जिला में शुरू की गई है। इस योजना में जन स्वास्थ्य एवं सिचांई विभाग, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, उद्यान, कृषि विभाग व कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण कार्य कर रहे है। यह जानकारी उपायुक्त बिलासपुर विवेक भाटिया ने देते हुए बताया कि इस योजना पर चार वर्षों के लिए 13086.852 लाख रूपयों की योजनायें अनुमोदित की गई हैं। अब तक विभिन्न विभागों की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत 360लाख रूपये व्यय किये जा चुके है।
उन्होंनें जानकारी देते हुए बताया कि जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए जिला में चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिले में कृषकों को अपने प्रयोग के लिए जैविक खाद तैयार करने हेतु योजना चलाई जा रही है जिसके अन्तर्गत कृषकों को अपने केचुंआ खाद उत्पादन युनिट स्थापित करने हेतु 50 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त कृषकों को जैविक खेती के उत्पादन के लिए सर्विस प्रोवाइडर (एन0जी0ओ0) के माध्यम से पंजीकृत किया गया है। जिला के सदर विकास खण्ड के गांव बंदला व परनाली और झण्डुत्ता विकास खण्ड में जड्डू कुलजार व पराहु तथा घुमारवीं के भदरोग व देहलवीं का जैविक खेती का कार्य किया जा रहा है। जिसमें 350 है0 क्षेत्रफल में 382 किसानों को जैविक खेती के अन्तर्गत पंजीकृत किया गाया है।
उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि उन्नत कृषि यंत्रों का वितरण योजना के अन्तर्गत किसानों को पावर टिलर, शक्ति चालित मशीनरी, हस्त चालित कृषि यत्रं तथा कृषि यंत्रों की किटें 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होनें बताया कि राष्ट्रीय सत्त खेती मिशन प्राकृतिक संसाधनों के सरक्षण के साथ साथ बारानी क्षेत्रों का विकास प्रदेश में अन्न उत्पादन की बढ़ती हुई मांग को पुरा करने की एक कुंजी है।
इसके लिए विभाग ने कृषि उत्पादकता को विशेषतः बारानी क्षेत्रों में बढ़ाने के लिए टिकाऊ खेती हेतु राष्ट्रीय मिशन आरम्भ किया है। इस मिशन के अन्तर्गत जिला में घुमारवीं विकास खण्ड में बाडी मझेडवा कलस्टर का चयन किया गया है। जिसके अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में 105 हैक्टेयर असिंचित क्षेत्र का सुधार करके उसमें कृषि, बागवानी, पशु स्वास्थ्य एवं प्रजनन, मछली पालन विभाग के माध्यम से 55.78 लाख रूपये व्यय किए गए है। वर्ष 2015-16 में इस कलस्टर पर 54.33 लाख रूपये व्यय किए गए। वर्ष 2016-17 में योजना के अन्तर्गत 25.77 लाख रूपये व्यय किए गए है।
इस के अतिरिक्त जिला में राष्ट्रीय टिकाऊ खेती मिशन (2015-2016) के अन्तर्गत परम्परागत कृषि विकास योजना 61.132 लाख रूपये व्यय किए गए है। जिला में 200 हैक्टेयर जैविक क्षेत्रफल (10 कलस्टर) को पी.जी.एस. के माध्यम से 5 सौ किसानों को जैविक खेती करने के लिए पंजीकृत किया जा रहा है। जिस के अन्तर्गत वर्मी कम्पोस्ट पिटटों का निर्माण, प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन तथा कृषक भ्रमण कार्यक्रम आदि गतिविधियां की जा रही है। वर्ष 2017-18 में इस योजना के अन्तर्गत जिला के झण्डूता विकास खण्ड में दसलेहडा कलस्टर का चयन किया गया है। इन गतिविधियों पर 23.24 लाख रूपये व्यय किए जा चुके है।