( जसवीर सिंह हंस ) जिला में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 173.32 लाख खर्च करके 120 जलभण्डारण टैंक 68 बोर वैल और 51 वर्मी कम्पोस्ट युनिट लोगों को आबंटित किए गए है।यह जानकारी उपायुक्त बिलासपुर विवेक भाटिया ने देते हुए बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 334 लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है।
उन्होनें जानकारी देते हुए बताया कि जिला में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत विभिन्न घटको में 194.212 लाख रूपये खर्च करके 226 है0 क्षेत्रफल ड्रीप और मिनी सिंचाई के अन्तर्गत लाया गया है। इस योजना के अन्तर्गत 1135 बागवानो को लाभान्वित किया गया है।
उन्होंनें बताया कि एच0एम0एन0इ0एच0/एम0आई0डी0एच0 योजना के तहत किसानों को 219 बोर वैल, 138 पावर टिल्लर, 15 पैक हाउस, 43 पावर स्प्रेयर, 23 हरित गृह, 97 वर्मी कम्पोस्ट युनिट, एक मसरूम यूनिट लोगों को आबंटित की गई है। इस योजना के अन्तर्गत 4259 लोगों को उद्यान विभाग की योजनाओं से लाभावित किया गया है।
विवेक भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला की जलवायु उपोष्णदेषीय फलों के लिए उपयुक्त है।
अतः जिला में आम, लीची, नीम्बू प्रजातीय फल, गुठलीदार फल, अमरूद, अनार, आबला, पपीता इत्यादी फलों की खेती सफलता पूर्वक की जा रही है परन्तु व्यवसायिक दृृष्टि से जिला में जहा कोहरा नही पडता, वहां पर आम, पपीता और जिन क्ष्ेात्रो में कोहरा पडता है वहां पर अनार, आंबला व नींबू प्रजातीय फलों की खेती तथा जहां सिचाई व्यवस्था उपलब्ध है वहां पर लीची की खेती हेतु बागवानों को प्रेरित किया जा रहा है।
उन्होंनें जानकारी देते हुए बताया कि फलोत्पादन में विविधता स्वरूप फूलों की खेती भी व्यवसायिक दृष्टि से बहुत ही लाभप्रद हो रही है। जिला में जिन स्थानों पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध है। वहां पर ग्लैडियोलस, कारनेशन, गुलाब, गैंदा तथा क्राईसैंथिमम की खेती सफलतापुर्वक की जा रही है।
जिला में फूलों की खेती के अन्तर्गत 58 हैक्टेयर क्षेत्रफल लाया गया है और इन फूलों का विपणन चंडीगढ़ व दिल्ली की मंडियो में किया जा रहा है और बागवान काफी लाभ प्राप्त कर रहे है। पिछले पांच छः वर्षो से फूलों के अतिरिक्त इस जिले में बागवान ग्रीन हाउसों में रंगीन शिमला मिर्च की खेती भी सफलतापुर्वक की जा रही है। इससे बागवान काफी अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। वर्ष 2017-18 में अभी तक वर्षाकालीन व सर्दकालीन के 70 हजार फलदार पौधे आम, लीची, अमरूद, नींबू प्रजाति, आवंला, अनार, सेब इत्यादी बागवानों को विभिन्न स्कीमों के अन्तर्गत वितरित किए गए है।