अध्यक्ष, उपमण्डल विधिक सेवा समिति एंव सी.जे.एम. बिलासपुर परवीन चैहान की अध्यक्षता में आज जिला न्यायालय परिसर में मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में मध्यस्थता से जुड़े अधिवक्तागण तथा लम्बित न्यायिक मामलों के दोनों पक्षों के लोगों ने भाग लिया ।
इस अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम में परवीन चैहान ने कहा कि मध्यस्थता एक सशक्त एंव कारगर माध्यम है जो लोगों के आपसी विवादों को परस्पर प्रेम व भाईचारे के साथ निपटाने में अहम भूमिका निभाता है।उन्होंने कहा कि लोगों को छोटे-छोटे मामलों को आपसी समझौतों से निपटा लेना चाहिए या पंचायत प्रतिनिधियों व उस क्षेत्र के पैरालीगल वाॅलेंटीयरों के सहयोग से भी आपसी मामलों को निपटाने में सहयोग लिया जा सकता है।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि कुछ ऐसे मामलें जो काफी समय से न्यायालयों में लम्बित हों तथा उनमें मध्यस्थता की सम्भावना हो उन मामलों को मध्यस्थता के आधार पर दोनो पक्षों को न्यायालय में आमंत्रित कर दोनांे पक्षों की सहमति से समझौता करवाया जाता है। उन्होनें कहा कि मध्यस्थता के आधार पर करवाया गया समझौता अन्तिम माना जाता है और कोई भी पक्ष उस समझौते के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील नहीं कर सकता।
उन्होंने मेडियेटरों से कहा कि वे दोनों पार्टियों के हितों व उनकी आतंरिक भावनाओं को समझते हुए राजी करें ताकि उन्हें त्वरित न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि यह दुभाग्य की बात है कि बहुत से लोगों को मध्यस्थता प्रक्रिया के बारे में अभी तक जानकारी नहीं है जिस कारण लोग इसका लाभ लेने से वंचित रह जाते है। उन्होंने अधिवकताओं से भी आहवान किया कि वे मध्यस्थता बारे में आमजन को जागरूक करें और अपने दायित्वों को बेहतर ढंग से निर्वहन करें जिससे लोगों को मध्यस्थता प्रक्रिया का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर सीविल जज, मोनिका सोम्बल ने अपने सम्बोधन में बताया कि मध्यस्थता एक स्वैच्छिक व पार्टी केन्द्रित प्रक्रिया है जिसे दोनों पार्टियों की सहमति से सोहार्दपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाकर एक उचित महौल पैदा किया जा सकता है।
इस कार्यक्रम में प्रधान बार एसोसिएशन अधिवक्ता तेजस्वी शर्मा ने कहा कि लोगों को मध्यस्थता को अपनाकर आपसी झगडों को सुलझाना चाहिए ताकि आपसी भाईचारा बना रहे। अधिवक्ता डीएस रावत ने मध्यस्थता में आने वाली कठिनाईयों व उनके समाधान के बारे में विस्तृत जानकारी दी।