शिमला के लोगों को पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित बनाने के लिए व्यावहारिक तथा एकजुट कदम उठाए जाने चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां शिमला में जलापूर्ति की स्थिति की समीक्षा के लिए राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहीं मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, जिला प्रशासन तथा नगर निगम शिमला को निर्देश दिए कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान पानी के अभाव से शिमला के निवासियों तथा यहां आने वाले पर्यटकों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े, इसलिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
उन्होंने कहा कि पानी के अभाव से जूझ रहे क्षेत्रों में जलापूर्ति के लिए जल भंडारणों की सेवा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल भंडारण चाबा तथा सुन्नी के बोर-वैल से पानी की आपूर्ति करेंगे।श्री जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल पाइपों से रिसाव से होने वाले नुकसान को रोके तथा निर्माण उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जा रहे सभी जल कनेक्शनों को भी प्लग किया जाए।
उन्होंने उपभोक्ताओं से सूझबूझ कर पानी का उपयोग करने की अपील भी कीं उन्होंने गुम्मा में नए बोरवैल की स्थापना की संभावना तलाशने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने उठाउ जलापूर्ति योजना गुम्मा में जल उपलब्धता बढ़ाने के लिए गुम्मा को आने वाले पानी का कूहलों में उपयोग करना बंद करने के निर्देश दिए ताकि गुम्मा योजना में पानी की कमी न हो। उन्होंने कहा कि लगभग एक एमएलडी अवशिष्ट जल संग्रह करने के लिए नोटी खड्ड पम्पिंग स्टेशन के प्रवेश द्वार पर प्रवाह की ओर नोटी खड्ड में नया पम्प स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि तावी टैंक से 4.5 लाख लीटर जल लेकर उठाउ जलापूर्ति योजना गरोह-घण्डल से टूटू, मजियाथ, चक्कर तथा घोड़ा चौकी के लिए जलापूर्ति को सुचारू किया जाएगा।सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्री महेन्द्र सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव श्री विनीत चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राम सुभाग सिंह, सचिव आईपीएच श्री देवेश कुमार, शिमला के उपायुक्त श्री अमित कश्यप, नगर निगम शिमला के आयुक्त रोहित जम्वाल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।