राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कृषि गतिविधियों से जुड़े लोगों का शून्य लागत प्राकृतिक खेती के घटक तैयार करने के तौर-तरीकों को समझने का आह्वान किया है ताकि इसे व्यवहारिक रूप दिया जा सके और अधिक से अधिक लोग इसे अपनाने को आगे आएं।
राज्यपाल आज मंडी जिले के विकास खण्ड गोहर के राजकीय महाविद्यालय बासा में कृषि विभाग द्वारा शून्य लागत प्राकृतिक खेती के अंतर्गत ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना’ पर तीन दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे।
जाता है। वह इस मिशन को राज्य के किसानों तक ले जाना चाहते हैं और उन्होंने प्राकृतिक खेती के इस मिशन को समझने तथा 25 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान करने के लिए राज्य सरकार को बधाई दी है। उन्होंने आशा जताई कि राज्य के लोग भावी पीढ़ी के लाभ के लिए इसे अपनाने के लिए आगे आएंगे। उन्होंने प्राकृतिक खेती, जीवामृत, घांजीवामृत तथा प्राकृतिक रूप से तैयार किए जा रहे कीटनाशकों के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी।
राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का एक बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि के उत्पाद न केवल स्वस्थ जीवन के लिए लाभकारी है बल्कि पर्यावरण मित्र भी हैं।
कृषि मंत्री डॉ. राम लाल मारकण्डा ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि शून्य लागत प्राकृतिक खेती को राज्य में राज्यपाल के कुशल मार्गदर्शन में कार्यान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तथा स्वयं उन्होंने प्राकृतिक कृषि के लाभों का व्यवहारिक तौर पर पता लगाने के लिए कुरूक्षेत्र स्थित गुरूकुल का दौरा किया और इसके बाद इस प्रणाली को कार्यान्वित किया गया है।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा शिविरों को आयोजन किया जा रहा है और पालमपुर के बाद यह दूसरा शिविर है तथा तीसरा सोलन जिले के कण्डाघाट में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खुशहाली की ओर यह पहला कदम है तथा इस प्रणाली के क्रियान्वयन से न केवल किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी, बल्कि लोग स्वस्थ जीवन-यापन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह एक जागरूकता शिविर है और निकट भविष्य में प्राकृतिक कृषि की जानकारी प्रदान करने के लिए इसी प्रकार के शिविर ग्रामीण स्तर पर आयोजित किए जाएंगे।
नाचन क्षेत्र के विधायक विनोद कुमार ने राज्यपाल तथा मंत्री का स्वागत किया और कहा कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री द्वारा इस प्रकार की एक आदर्श कृषि प्रणाली को राज्य में पहली बार कार्यान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गत पांच माह के दौरान नाचन विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास गतिविधियां आरम्भ की गई हैं। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न स्कूलों के स्तरोन्नयन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
कृषि विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने राज्य में शून्य लागत प्राकृतिक कृषि के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान बड़े पैमाने पर रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए इस प्रणाली का अपनाना आसान है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने में किसानों की मदद के लिए कृषि विभाग द्वारा अन्य सम्बद्ध विभागों के सहयोग से आयोजित किए जाने वाला यह दूसरा शिविर है।
शून्य लागत प्राकृतिक खेती के मास्टर प्रशिक्षक डॉ. वज़ीर ने विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी और प्राकृतिक खेती विभिन्न लाभों व पहलुओं पर प्रकाश डाला।शून्य बजट प्राकृतिक खेती कृषि के परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने धन्यवाद किया।
राज्यपाल के सलाहकार डॉ. शशिकांत शर्मा, मंडी के उपायुक्त ऋगवेद ठाकुर, पुलिस अधीक्षक गुरदेव चन्द, कृषि निदेशक डॉ. देसराज शर्मा, कृषि विभाग तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति तथा गोहर उपमण्डल के प्रगतिशील किसान शिविर में उपस्थित थे।