नशे की प्रवृति दिन प्रति दिन बढ़ रही है और यह समस्या समाज में बहुुत ही भयावह रूप धारण कर रही है। बढ़ती नशे की समस्या युवाओं को अपने जाल में फंसा रही है यदि इस पर शीघ्र अंकुश नही लगाया गया तो तेजी से फैल रही इस समस्या के गंभीर परिणाम होगे। यह बात उपायुक्त विवेक भाटिया ने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में 31 मई को आयोजित किए जाने वाले विश्व तम्बाकू निरोधक दिवस व 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन के लिए किए जाने वाने प्रबन्धों बारे जिला के समस्त शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने स्कूल अध्यापकों को आहवान करते हुए कहा कि वे विद्यार्थियों पर पूरी नजर रखें। उन्होंने कहा कि यद्यपि स्कूल अध्यापक वर्ग को अपने विद्यार्थियों पर विश्वास है कि विद्यार्थी वर्ग नषे की आदत में लिप्त नहीं है लेकिन वास्तविकता यह है कि बहुत से विद्यार्थी ड्रग्स का इस्तेमाल करते हुए पाए जा रहे हैं यह एक गंभीर और अतयंत समाजिक चिन्तन का विषय है, जिसके निवारण के लिए वर्तमान में प्रभावी पग उठाए जाने अतयंत आवश्यक हैं।
उन्होंने बताया कि 31 मई को सभी स्कूलों में नशा मुक्त अभियान चलाया जाएगा जिसमें बच्चों को प्रातःकालीन की सभाओं में नशे से होने वाले दुष्प्रभावों और नशे का एचआईवी के साथ क्या सम्बध है के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दिन समस्त प्रधानाचार्य अपने-अपने स्कूलों में उपस्थित रहना सुनिश्चित करेंगे तथा स्कूलों में नशा निवारण से सम्बन्धित जागरूकता शिविरों के साथ चित्रकला , भाषण व नारा लेखन प्रतियोगिताएं करवाना सुनिश्चित बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग नशे का कारोबार करने वालों पर पैनी नजर रखे हुए है तथा उनके विरूद्ध कार्यवाही भी की जा रही है। उन्होंने बच्चों अविभावकों, अध्यापकों , स्वयं सेवी संस्थाओं और समाज के सभी वर्गों के लोगों के आहवान किया है कि युवाओं में दिन प्रति दिन नशे की बढ़ती प्रवृति को रोकने के लिए आगे आकर अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान करे तथा समाज के प्रति अपने नैतिक कर्तव्यों का निर्वहन करें।
उन्होंने बताया कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्लास्टि कचरे को हराना है विषय पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी जिसमें स्वस्थ व स्वच्छ पर्यावरण का संदेश दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विद्याार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों को एक- एक स्कूल प्रेरणा स्रोत के रूप में दिया गया है जहां वे बच्चों को बच्चों प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के अतिरिक्त समाज में फैली नशा , दहेज प्रथा इत्यादि सामाजिक कुरितियों से दूर रहने के लिए प्रेरित करेंगे।