वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने प्रदेश के सभी वन क्षेत्रीय एवं वन्य प्राणी वृतों के मुख्य अरण्यपालों के साथ आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वार्तालाप किया। इस दौरान प्रदेश में वनों में बढ़ती आग की घटनाओं पर चर्चा की गई।
वन मंत्री ने कहा कि वनों में आग की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग के प्रत्येक कर्मचारियों व अधिकारियों को सजग होकर कार्य करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि वनों में आगजनी की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार हर स्तर पर कार्य करने के लिए तैयार है। उन्होंने सभी अरण्यपालों को निर्देश दिए कि वे स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों, जिला पुलिस अधीक्षकों, अग्निशमन, आईटीबीपी, एसएसबी, गृहरक्षक विभाग के प्रभारियों से बैठक कर उनसे आग की घटनाओं को रोकने के लिए सहयोग मांगें ताकि वन में लगने वाली आग की घटनाओं को रोका जा सके। .
उन्होंने अरण्यपालों को अपने-अपने वृत स्तर पर फोरेस्ट फायर फाईटिंग फोर्स के स्वयं सेवकों की संख्या बढ़ाने व वन अग्नि नियंत्रण में उनका सहयोग लेने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वन आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए हैलीकॉप्टर का प्रबन्ध किया गया है। अरण्यपालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में दुर्गम स्थानों, निकटतम पानी के स्त्रोंतों की पहचान करें व आवश्यकता पड़ने पर वे हैलीकॉप्टर की सेवाएं भी ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वन अग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए विभाग द्वारा हर संभव वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार प्रत्येक अरण्यपाल, वन मण्डलाधिकारी वन अग्नि नियंत्रण के लिए वाहनों को किराए पर ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वन वृत प्रतिदिन वन अग्नि की घटनाओं व अन्य घटनाओं की जानकारी नोडल अधिकारी (वन अग्नि) श्री आलोक नागर, मुख्य अरण्यपाल परियोजना टॉलेंड शिमला को दे सकते हैं।
वन मंत्री ने डलहौजी वन मण्डल के डिप्टी रेंजर श्री अशोक कुमार की वन अग्नि नियंत्रण कार्रवाई के दौरान मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सभी अरण्यपालों को कहा कि आग बुझाते समय कर्मचारियों के साथ सम्पर्क में रहें, जिससे उनका मनोबल बना रहे और उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा सके, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटना न घटे। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वन तरूण कपूर, प्रधान मुख्य अरण्यपाल डॉ. जीएस गोराया, जय शर्मा, एसके शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन आरसी कांग व अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।