बौद्ध सम्प्रदाय अल्प संख्यक वर्ग की श्रेणी में शामिल है। प्रदेश में विभाग द्वारा इस वर्ग की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर प्रमाण पत्र जारी करना सुनिश्चित करें। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सुलेखा कुम्हारे ने आज विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में यह निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रदेश में विभिन्न स्तरों पर शिविरों का आयोजन कर इस कार्य की पूर्ति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ग को प्रमाण-पत्र जारी न होने से इनके लिये चलाई जा रही योजनाओं का क्रियान्वयन समाधान कारक नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण व अन्य कार्यक्रमों का लाभ भी इस कारण बौद्ध सम्प्रदाय के लोगों को प्राप्त नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि बोटी भाषा को स्कूलों में लगाने के लिए सरकार प्रयास करे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाएं संजोये हुए है।उन्हांेने कहा कि प्रदेश के कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर व अन्य कई जिलों में बौद्ध मठ तथा बौद्ध मंदिर विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि इन जिलों का बौद्ध पर्यटन सर्कट बनाकर बौद्ध राष्ट्रों के पर्यटन को आकर्षित करने के लिए सरकार गंभीरता से विभाग विचार करे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रदेश में विभिन्न उपमंडल स्तरों पर बैठक कर स्थिति का जायजा लिया है तथा अल्पसंख्यकों को मिलने वाली सुविधाओं में आ रही बाधाओं की जानकारी ली। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव निशा सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय आयोग की सदस्य द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का जल्द पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग, संचार व बौद्ध पर्यटन की दृष्टि से दिये गये आदेशों की अनुपालना प्रभावी रूप से की जाएगी। बैठक में निदेशक अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक मामले विभाग श्री एन के लठ्ठ के अतिरिक्त अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।